फीस और फंड को लेकर अभिभावकों और स्कूल प्रबंधकों के बीच विवाद

कार्तिक। बैजनाथ

जिला कांगड़ा निजी स्कूल संघ जिलाध्यक्ष अनुराग गुप्ता की अगवाई में रविवार को निजी स्कूलों की समस्याओं को लेकर राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी से बैजनाथ में मिला। संघ की और से एक पत्र भी राज्यसभा सांसद को सौंपा गया। संघ का कहना है कि कोविड-19 के कारण करीब 10 महीने से बंद चल रहे निजी स्कूल आज आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। प्रदेश का तथाकथित अभिभावक संघ केवल शिमला के स्कूलों की फीस का मुद्दा लेकर आए दिन निदेशालय का घेराव करता रहता है, जिसके चलते पूरे प्रदेश में फीस और एनुअल फंड को लेकर कुछ अभिभावकों और स्कूल प्रबंधकों के बीच एक बहुत बड़ा विवाद खड़ा हो चुका है।

आए दिन सरकार व शिक्षा विभाग से समाचार पत्रों के माध्यम से कई तरह के मौखिक आदेश मिल रहे हैं, जिसके परिणाम स्वरुप अभी तक औसतन 20 प्रतिशत अभिभावकों ने ही पूरा शुल्क जमा करवाया है। 20 प्रतिशत अभिभावक ऐसे है, जिन पर महामारी के चलते आर्थिक संकट आ गया है, जिसके चलते वे स्कूल का शुल्क जमा करने में असमर्थ है और बाकी अभिभावक फीस माफ़ी वाले सरकारी आदेश का इंतज़ार कर रहे हैं और कुछ माह से फीस भी जमा नहीं करवा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के अधिकतर स्कूल वरामिन क्षेत्रों में हैं और फीस शहरों की अपेक्षा भी कम है, जो 500 रुपये से शुरू हो कर अधिकतम 2000 रुपए पर खत्म हो जाती है। एनुअल चार्ज भी 1000 रुपए से शुरू होकर 3000 हजार पर खत्म होते हैं। ऐसे में शिमला के कुछ एक स्कूलों के कारण पूरे प्रदेश के स्कूलों को तंग नही किया जाना चाहिए।

निजी स्कूल संघ ने कहा कि कुछ खर्चों को छोड़कर निजी स्कूलों के खर्चे पहले की तरह ही हैं। ऑनलाइन पढ़ाई के लिए अध्यापकों को बिना छंटनी किए हुए पूरा वेतन का रहा है। स्कूल बसों की किस्तें, इंस्योरेन्स, टेक्स, बिजली के बिल व अन्य रखरखाव पहले की तरह ही हैं। केवल मात्र मासिक फीस से ही स्कूल के खर्चे नहीं चलते, एनुअल चार्ज से ही सभी तरह के खर्च चलते हैं।

संघ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि स्कूल बसों का पैसेंजर टैक्स, टोकन टैक्स, बसों की फिटनेस की अवधि को बढ़ाकर कम से कम 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाया जाए, ताकि हम स्कूल संचालकों पर एक बहुत बड़ा आर्थिक बोझ न बन पाए। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा बोर्ड एक तरफ निजी स्कूलों को अस्थायी मान्यता देने का एलान कर रहा है, तो दूसरी ओर नवीनीकरण हेतु बस फिटनैस, टोकन व पैसेंजर टैक्स, भवन सुरक्षा प्रमाण पत्र, अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र आदि आपत्तियां बोर्ड द्वारा लगाई गई हैं।

उन्होंने मांग की है कि इस वर्ष के लिए ऐसी आपत्तियों से राहत दी जाए। जिला अध्यक्ष अनुराग गुप्ता ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि देश के अन्य राज्यों की तर्ज पर प्रदेश में भी नवमी से लेकर 12वीं तक कि कक्षाओं को पहले की तरह न​ई गाईड लाईनज जारी कर जनवरी से खोला जाए, ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो।

निजी स्कूलों संचालकों को आश्वश्त करते हुए इंदु गोस्वामि ने कहा कि वह स्वयं प्रदेश सरकार और शिक्षा मंत्री से निजी स्कूलों की समस्याओं को उठाएंगी। इस अवसर पर निजी स्कूलों की ओर से अंकुश सूद सूद, अंकुर कटोच, रमन अवस्थी, अनुराग गुप्ता, अनिल अवस्थी, अनुपम मेहरा, राकेश, संजीव भूषण और हरबंस व वंटी शर्मा मौजूद रहे।