कोरोना कर्फ्यू पर दुकानदार बोले- ये कैसा कर्फ्यू सब्जी वाला सब्जी की आड़ में मनियारी, दूध वाला कन्फेक्शनरी और किरयाने वाला बरतन व कपड़े

एसके शर्मा । हमीरपुर
उपमंडल बड़सर के तहत आने वाले बाजारों के व्यापारी हिमाचल सरकार द्वारा सात मई से 16 मई तक लगाए गए कोरोना कफ्र्यू के विरोध में व्यापारी लामबंद हो गए हैं। सलौणी व्यापार मंडल ने एक लिखित शिकायत पत्र भी जिलाधीश हमीरपुर को भेजा है। जिसमें सरकार के निर्णय पर आपत्ति जताई गई है। बताते चलें कि बड़सर उपमंडल के तहत आने वाले बाजारों बड़सर, मैहरे, सलौनी, बिझड़ी, चकमोह, गारली, महारल, जौड़े अंब, दांदडू सहित अन्य बाजारों के व्यापारियों ने कहा कि सरकार ने कफ्र्यू के नाम पर मात्र औपचारिकता की है, जबकि इस समय कड़े लॉकडाउन की आवश्यकता थी। बाजारों के व्यापारियों ने कहा कि सरकार ने कफ्र्यू के नाम पर केवल कुछेक वर्ग के दुकानदारोंं पर ही बंदिशें लगाई हैं, जो कि सरासर गलत है।

उन्होंने कहा कि किरयाना वाले दुकानदार किरयाने के साथ स्टेशनरी, मनियारी व बरतन कपड़े तक बेच रहे हैं। दूध, दही व ब्रेड की आड़ में हलवाई व कन्फेक्शनरी वाले सब कुछ बेचते हैं। सब्जी की आड़ में कई दुक़ानदार मनीयारी का सामान बेच रहे हैं। सरकार ने कफ्र्यू में इन दुकानों को सुबह से शाम तक खुले रहने की छूट दे दी है तो फिर कफ्र्यू लगाने का औचित्य ही क्या है। व्यापारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने समय रहते इस कफ्र्यू में बदलाव नहीं किया तो रेडीमेड, मनियारी, इलेक्ट्रिकल, कपड़ा, ज्यूलर, हेयर ड्रेसर व शूज के दुकानदार विरोध स्वरूप अपनी दुकानें खुली रखेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से लडने के लिए वे लोग सरकार के साथ खड़े हैं, लेकिन सरकार के बेतुके व भेदभावपूर्ण निर्णयोंं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

क्षेत्र के व्यापारियों ने प्रदेश सरकार से मांग की हैं कि सभी दुकानों को हर रोज 5-6 घंटे खोलने के आदेश दिए जाए, ताकि दुकानदारों का कारोवार प्रभावित न हों।