बंगाल से हिंदुओं का पलायन दुर्भाग्यपूर्ण, ममता बनर्जी की सुनियोजित साजि़श का शिकार बन रहे: विजय अग्निहोत्री

उज्जवल हिमाचल। नादौन

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक और एचआरटीसी के उपाध्यक्ष विजय अग्निहोत्री ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया है कि उनकी राजनीतिक शह पर बंगाल में हिंदुओं को चुन-चुन कर प्रताडि़त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणामों के बाद पश्चिम बंगाल में भडक़े दंगे ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस की सुनियोजित साजि़श है, जिसमें हिंदुओं को बड़े पैमाने पर पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा है।

वरिष्ठ भाजपा नेता और निगम उपाध्यक्ष विजय अग्निहोत्री ने पश्चिम बंगाल में भडक़ी हिंसा पर गहरी चिंता प्रकट करते हुए इसे लोकतंत्र पर काला धब्बा बताया है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि राज्यों में कानून व्यवस्था का शासन ध्वस्त होने पर संविधान निर्माताओं ने जिस आर्टिकल 356 की प्रतिस्थापना की थी उसे कानून की किताबों तक ही सीमित रखे जाने के लिये नहीं कहा गया था। बल्कि किसी भी राज्य में संवैधानिक ढांचे के ध्वस्त होने और कानून का शासन खत्म होने पर एकमात्र कानूनी विकल्प आर्टिकल 356 का प्रयोग करना ही है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और जनादेश की आड़ में गुंडागर्दी, हिंसा, हत्याएं , डकैती औऱ बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों को सरंक्षण दिया जाना न केवल अनुचित है बल्कि घोर पाप है।

उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी और उसकी पार्टी के गुंडों ने पश्चिम बंगाल के उच्च सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों को मिट्टी में मिला दिया है। वरिष्ठ भाजपा नेता विजय अग्निहोत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में उन्हें अपने सम्पर्क सूत्रों से जो जानकारियां मिल रहीं हैं उससे मानवता के रोंगटे खड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सुनिश्चित करेगी कि ममता बनर्जी के अत्याचारों से जितने भी हिंदुओं को हिंसा और विस्थापन झेलना पड़ा है उन्हें उनकी मुख्यधारा में वापिस लाया जाये। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र संवाद से चलता है और इसमें हिंसा का कोई स्थान नहीं हो सकता। भाजपा नेता विजय अग्निहोत्री ने कहा कि लाशों के ढेर पर , रक्त से सनी हुई कोई भी कुर्सी ज्यादा दिनों तक नहीं टिकती बल्कि ममता बनर्जी जैसी निरंकुश और रक्तरंजित सत्ता का बड़ी जल्दी पतन होता है। उन्होंने बंगाल में चुनाव परिणामों के बाद भडक़ी हिंसा, आगजनी और हत्याओं की निष्पक्ष जांच के लिये केंद्र सरकार से एक स्वंत्रत न्यायिक आयोग के गठन की मांग की है ताकि इस तरह के षड्यंत्रों में सम्मिलित दोषियों को कानून की चौखट पर लाकर सबक सिखाया जा सके।