कोरोना महामारी : प्रदेश में बढ़ी मौत की रफ्तार, छह गुना हुए मौत के मामले

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। शिमला

प्रदेश में कोरोना संक्रमण से एक माह में मौत की रफ्तार छह गुना बढ़ गई है। कोरोना मामलों की संख्या हर सप्ताह दोगुना हो रही है। कोरोना वैक्सीन लेने वालों में दस फीसदी ऐसे लोग हैं जो पॉजिटिव आ रहे हैं। इसका बड़ा कारण वैक्सीन लेने के बाद लोगों की लापरवाह है। वैक्सीन लेने के बाद भी मास्क और परहेज जरुरी है। स्वास्थ्य विभाग के पास आ रहे मामलों को देखा जाए तो जिन्हें पहले कोरोना हो चुका है उन्हें फिर से महामारी जकड़ रही है। इस तरह के मामलों के आने से सभी की चिंता बढ़ गई है। स्वास्थ्य विभाग ने इस तरह के डाटा को जूुटाने का निर्देश दिया है। मार्च के अंत में सैंपल के आधार पर आठ फीसद कोराना संक्रमित पाए जा रहे थे अब 17 फीसद से अधिक संक्रमित पाए जा रहे हैं। प्रदेश के छह जिले ऐसे हैं जिनमें एक्टिव केस की संख्या 500 से अधिक है।

लाहुल-स्पीति में मार्च में एक भी मामला नहीं था वहां पर एक्टिव केस 236 हो गए हैं। सात जिलों में सबसे अधिक केस प्रदेश के सात जिलों कांगड़ा, सोलन, मंडी, शिमला, हमीरपुर, सिरमौर व लाहुल स्पीति में कोरोना ने सबसे तेज रफ्तार पकड़ी है। युवाओं की अधिक मौत देखने को मिल रही है, जबकि पहली लहर में बुजुर्गों की मृत्यु अधिक हुई थी। प्रदेश में 72 लाख की आबादी में से अभी तक 12 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन दी गई है। इनमें से करीब दस लाख लोग 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के हैं। लोगों में वैक्सीन लेने के संंबंध में अब भी कई भ्रम हैं। हालांकि वैक्सीन लेने के बाद कोरोना हो रहा है, लेकिन वैक्सीन लगाने से सुधार जल्द हो जाता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हिमाचल प्रदेश के परियोजना निदेशक डॉ. निपुण जिंदल का कहना है कोरोना वैक्सीन लेने के बाद करीब दस फीसद में संक्रमण देखने को मिला है। इसमें लोगों की लापरवाही भी सबसे बड़ा कारण है। वैक्सीन लेेने के बाद लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। वैक्सीन लेने का यह मतलब नहीं कि मास्क लगाना छोड़ दें और भीड़ वाले क्षेत्रों में घूमते रहें।