कोरोना वायरस पर भारी पड़ी अमेरिकी अर्थव्‍यवस्‍था, 33 फीसद उछाल

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

अमेरिकी अर्थव्‍यवस्‍था में अचानक 33 फीसद की उछाल से रिपब्लिकन पार्टी ने राहत की सांस ली होगी। यूएस अर्थव्‍यवस्‍था में यह बदलाव ऐसे समय आया है, जब राष्‍ट्रपति चुनाव में दो दिन शेष हैं। बता दें कि कोरोना वायरस के चलते अमेरिका की अर्थव्‍यवस्‍था पूरी तरह से गर्त में चली गई है। लाखों लोग बेरोजगार हो चुके हैं। हालांकि, चुनाव में इस उछाल का राष्‍ट्रपति ट्रंप को कितना फायदा होगा यह तो वक्‍त बताएगा, लेकिन इस उछाल के बाद चुनावी समीकरण बदल सकते हैं।

बता दें कि अमेरिकी अर्थव्‍यवस्‍था में यह गिरावट ऐसे समय हई है, जब अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव हो रहे हैं। ऐसे में ट्रंप प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। विपक्षी डेमोक्रेट्स ने इसको लेकर ट्रंप प्रशासन पर जमकर प्रहार किया है। विपक्ष का आरोप है कि इसके लिए ट्रंप प्रशासन जिम्‍मेदार है। इतना ही नहीं अमेरिका के प्रमुख राज्‍यों में कोरोना वायरस और अर्थव्‍यवस्‍था पर कराए गए सर्वे गए चुनावी सर्वे में ट्रंप पर बिडेन भारी पड़े हैं। इस सर्वे के बाद रिपब्लिकन पार्टी की चिंताए बढ़ गई हैं।

बता दें कि मजदूर दिवस के बाद चुनाव अभियान के अंतिम चरण में पहुंचने के साथ ही अर्थव्यवस्था और अमेरिकी श्रमिकों की समझ को लेकर दोनों ने एक-दूसरे पर हमला बोला है। अमेरिका में मजदूर दिवस आमतौर पर चुनावी अभियान की औपचारिक शुरुआत कर देता है और प्रत्याशियों की गतिविधियां तेज हो जाती हैं। इसके बाद डेमोक्रेटिक उम्‍मीदवार जो बिडेन ने अर्थव्‍यवस्‍था और देश में बेरोजगारी को लेकर ट्रंप पर जोरदार हमला बोला है। ऐसे में अमेरिकी अर्थव्‍यवस्‍था में यह गति राष्‍ट्रपति ट्रंप के लिए राहत प्रदान कर सकती है।

कोरोना वायरस के बाद अमेरिकी अर्थव्‍यवस्‍था में रिकॉर्ड स्तर की गिरावट के बाद अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अब तक की सबसे मजबूत रिकवरी दर्ज की गई है। यह तीसरी तिमाही में 33.1 फीसद की दर से बढ़ी है। वाणिज्‍य विभाग ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान अप्रैल-जून तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 31.4 फीसद की जबरस्त गिरावट दर्ज की गई थी।

पहली तिमाही में इसमें पांच फीसद की गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि, 2019 की जुलाई-सितंबर की तिमाही से अगर तुलना की जाए, तो तीसरी तिमाही में भी 2.9 फीसद गिरावट ही दर्ज हुई है, जबकि दूसरी तिमाही में साल दर वर्ष के हिसाब से 9 फीसद की गिरावट दर्ज हुई थी। बता दें कि वार्ष‍िक दर एक पैमाना है, जो एक तिमाही की वृद्धि को अगर 12 महीनों के अनुपात में देखा जाए, तो यह उसे दर्शाता है।

हालांकि अर्थशास्त्रियों ने आगाह किया है कि अर्थव्‍यवस्‍था में आई यह उछाल सरकार की ओर से दी गई तीन खरब डॉलर की मदद का परिणाम है। बेरोजगार कर्मचारी और व्‍यापारों के लिए यह फंडिंग अब बंद हो गई है। वाणिज्‍य विभाग की विज्ञप्ति में कहा गया है कि तीसरी तिमाही में दर्ज की गई यह वृद्धि व्‍यापार को खुलने और कोविड-19 के कारण प्रतिबंधित गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लगातार प्रयासों का परिणाम है। इसमें यह भी कहा गया है कि कोविड-19 के अर्थव्‍यवस्‍था पर हुए पूरे प्रभाव को अलग से नहीं मापा जा सकता।