भारतीय टीम के लिए आसान होगा लाल गेंद से खेलना : अजीत अगरकर

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहला डे-नाइट टेस्ट भले ही हार गई हो, लेकिन पूर्व तेज गेंदबाज अजित अगरकर का मानना है कि टीम का प्रदर्शन अच्छा था और सिर्फ एक सत्र में खराब खेल की वजह से उसे हार मिली। भारत को 26 दिसंबर से बॉक्सिंग-डे टेस्ट खेलना है। इसका प्रसारण सोनी टेन पर हो रहा है। निश्चित रूप से विराट कोहली का नहीं होना बहुत बड़ा झटका है। टीम संयोजन की बात है तो यदि आप किसी को पहला टेस्ट खिलाते हो तो यह सोचकर खिलाते हो कि यह आपका सर्वश्रेष्ठ एकादश है।

ऐसे में आप सिर्फ दो पारियों के बाद बदलाव करने लगोगे तो इसका मतलब है कि आपका पहले टेस्ट का फैसला गलत था। एक टेस्ट से न तो कोई बहुत अच्छा खिलाड़ी बन जाता है और न ही बहुत खराब। आपको खिलाड़ी की हौसलाअफजाई करना जरूरी है। मेरा मानना है कि कोहली की जगह शुभमन गिल को मध्यक्रम में खिलाना चाहिए। वह ओपनिंग करते हैं, लेकिन उन्होंने अपने करियर की शुरुआत मध्यक्रम में की थी। यदि वह अच्छा कर गए, तो आगे चलकर भारत के लिए कई साल खेल सकते हैं।

जितना जल्दी उन्हें मौका दिया जाए तो उतना ही बेहतर होगा और खेलने के बाद ही पता चलेगा कि वह इस स्तर पर सामंजस्य बिठा पाते हैं या नहीं। शमी की जगह नवदीप सैनी मेरी पसंद होंगे, क्योंकि सिराज की गेंदबाजी की स्टाइल उमेश की तरह ही है। वह थोड़ा स्विंग करते हैं। वहीं सैनी थोड़े लंबे कद के हैं, तो एक रिलीज प्वाइंट अलग हो जाता है। टीम को इशांत शर्मा की कमी खल रही है, जो थोड़े से अलग तरह के गेंदबाज हैं। कुछ वैसा ही सैनी कर सकते हैं। हालांकि, हाल ही में उनकी फॉर्म उतनी अच्छी नहीं रही है, लेकिन सफेद गेंद का प्रदर्शन लाल गेंद के क्रिकेट के चयन का आधार नहीं होना चाहिए।

इसलिए वह मेरी पसंद होंगे। साथ ही मैं हमेशा मानता हूं कि रिषभ पंत थोड़े दुर्भाग्यशाली हैं, जो इस वक्त नहीं खेल रहे हैं। साहा की कोई गलती नहीं है, क्योंकि वह कीपर तो अच्छे हैं ही, लेकिन पंत मैच विजेता हो सकते हैं। वह पहले भी टेस्ट में रन बना चुके हैं। यह एक बहस का मुद्दा हो सकता है कि साहा को एक मैच के बाद बदलना चाहिए या नहीं। दबाव तो बहुत होगा, क्योंकि शमी और बुमराह ने पिछले दो-ढाई वर्ष में जिस तरह की गेंदबाजी की है, उसकी जगह लेना बहुत मुश्किल है, जब कोई नया खिलाड़ी आता है, उस पर अलग तरह का दवाब होता है, लेकिन ये नए गेंदबाज के लिए एक मौका भी है।

अगर वह अच्छा कर जाता है तो भारत के लिए एक विकल्प भी बन जाता है। ऐसे में जब शमी वापस आते हैं, तो आपकी बेंच स्ट्रेंथ काफी अच्छी हो जाएगी। खिलाड़ियों का चोटिल होना चलता रहता है, लेकिन आपकी बेंच स्ट्रेंथ अच्छी हो तो आप आसानी से खिलाड़ियों में बदलाव कर सकते हैं। पिछले दौरे पर भारत ने डे-नाइट टेस्ट नहीं खेला था और टेस्ट सीरीज जीती थी। ऑस्ट्रेलिया में जितने भी डे-नाइट टेस्ट हुए हैं, वो सभी ऑस्ट्रेलिया ने जीते हैं और उसे जीतकर वह सीरीज में 1-0 से बढ़त ले लेती है।

क्या आपको लगता है कि ऑस्ट्रेलिया में पिंक बॉल टेस्ट जीतना असंभव है? ये तो आपको कोहली या रवि शास्त्री ही बता पाएंगे, क्योंकि मुझे पता नहीं कि वाकई में क्या हुआ था। उन्हें नहीं चुना गया, क्योंकि वह चोटिल थे और फिर वह एनसीए गए। फिर फिट होकर ऑस्ट्रेलिया चले गए। अगर आप मुझे बता सकते हैं कि क्या विवाद था, तो शायद मैं आपको बेहतर जवाब दे सकूं, लेकिन वह निश्चित रूप से इतने बेहतर बल्लेबाज हैं कि वह टीम को मदद जरूर करेंगे, खासतौर से विराट के वापस आने पर। रोहित अनुभवी खिलाड़ी हैं और यदि कोई अनुभवी खिलाड़ी टीम में आता है, तो उससे टीम को फायदा ही होता है।