पौंग झील में प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए उमड़ी पर्यटकों की भीड़

उज्जवल हिमाचल। नगरोटा सूरियां

महाराणा प्रताप सागर पौंग डैम स्थित झील में प्रवासी पक्षियों की आमद निरंतर बढ़ती जा रही है। मार्च महीने तक यहां रहने वाले पक्षियों की लगभग 103 प्रजातियों के लाखों मेहमान हर साल आते हैं। किस प्रजाति के कितने प्रवासी पक्षी इस बार झील में आए इसका पता जनवरी के अंत में होने वाली वार्षिक गणना के बाद ही चलेगा, लेकिन दिसंबर में हुई विभागीय गणना में अब तक झील में 88 प्रजातियों के 68188 प्रवासी पक्षी अपनी आमद दर्ज करवा चुके हैं। सर्दी का मौसम शुरू होते ही जब साइबेरिया व अफगानिस्तान में ठंड ज्यादा हो जाती है, तो विदेशी पक्षियों का रूख पौंग झील की तरफ हो जाता है। हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंचने वाले पक्षियों में कई रंगों और प्रजातियों के पक्षी शामिल हाेते है।

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आजकल पौंग डैम पर आने वाले लोग इन पक्षियों को देख कर खूब आनंदित हो रहे है। पौंग झील में वन्यप्राणी विभाग हर साल प्रवासी पक्षियों को छल्ले पहनता है, ताकि इनमे से कितने पक्षी दोबारा झील में आते हैं और कहां कहां विचरण करते हैं। इस वर्ष अधिकतर नए मेहमान आए हैं। पिछले वर्ष वेटलैंड में पांच माह तक प्रवास करने वाले मात्र दस फीसद पक्षी ही लौटकर वापस आए हैं। इससे यह बड़ा संकेत मिला है कि वेटलैंड में हर बार नए प्रवासी पक्षी आते हैं। इस बार अफ्रीका से अमूर फाल्कन प्रवासी पक्षी भी झील में पहुंचा है। अमूर फाल्कन 2012 में नागालैंड में देखा गया था और पौंग झील में पहली बार पहुंचा है।

दुनिया की इस बेहतरीन वेटलैंड में पक्षियों की संख्या में हर साल रिकार्ड वृद्धि हो रही है। इसी बीच यह खुलासा होना चौकाने वाला है कि दस फीसदी मेहमान पक्षी ही पौंग झील में लौटकर आते हैं और बाकि दूसरे जलाशयों का रुख कर लेते हैं। जाहिर है कि दुनिया की सबसे सुंदर वेटलैंड में शुमार पौंग झील सेंट्रल एशिया के पक्षियों की पहली पसंद है। साइबेरिया से लेकर अफगानिस्तान तक के पक्षी सर्दियों में पौंग झील में आते हैं। विश्व के 60 फीसदी बारहेडिड गीज पौंग झील में पहुंचते हैं। बर्फानी इलाकों से पौंग झील का रुख करने वाले इन पक्षियों ने इस बार देरी से आना शुरू किया। गर्मियों के मौसम में यह मेहमान लद्दाख तथा साइबेरिया में रहते हैं।

सेंट्रल एशिया के देशों में नवंबर माह से ठंड बढ़ जाती है। पूरे विश्व के 60 फीसद बारहेडिड गीज (हंस) प्रजाति के पक्षी पौंग झील पहुंच जाते हैं। 27139 बार हेडेड गीज प्रजाति के प्रवासी पक्षी दिसंबर मध्य तक झील में दस्तक दे चुके हैं। वर्ष 2014 में पौंग वेटलैंड में पहली बार इन प्रवासी पक्षियों ने दस्तक देनी शुरू की थी, जो सिलसिला अभी तक जारी है। पौंग झील में पहुंचने वाले हंस प्रजाति के बार हेडिड गीज, कामनटील, नार्दन पटेल, कॉमनकूट तथा लिटल कोरमोरेंट पौंग झील में अधिक संख्या में पहुंच चुके हैं।

इनके इलावा चिफचेफ, रुडी शेल्डक, कामन पोचार्ड, कनतील गडवाल, लिटिल कोर्मोरेंट, स्पाट्विल, मलार्ड बर्ड, एशियन टीलमूर हेन, ग्रेट इग्रेट प्रमुख हैं। वाइल्ड लाइफ मंडल हमीरपुर के डीएफओ राहुल रोहाणे का कहना है कि पौंग में अब तक 88 प्रजातियों के 68188 लाख प्रवासी पक्षी आ चुके हैं। इन मेहमानों की सुरक्षा के लिए विभाग पूरी तरह तैयार है। अवैध शिकार की रोकथाम के लिए टीमें बनाकर निगरानी की जा रही है। इस बार पौंग झील में किसी भी प्रजाति का कोई भी प्रवासी पक्षी मृत नहीं मिला है। विभाग झील में पूरी तरह चौकसी बरत रहा है।