म्यूरल आर्ट से होगा जिला की सांस्कृतिक धरोहरों का निर्माण

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

सुकेत रियासत की ऐतिहासिक विरासत और सांस्कृतिक धरोहरें अब म्यूरल आर्ट के जरिए प्रदर्शित होंगी। दीवारों पर उभरती तस्वीरों को तैयार करने को म्यूरल आर्ट कहा जाता है। मंडी जिला में पहली बार लोगों और पयर्टकों को यहां की सांस्कृतिक धरोहरों को देखने का मौका मिलेगा। इसके लिए टिकट लेने की आवश्यकता नहीं होगी। राष्ट्रीय उच्च मार्ग-21 चंडीगढ़ से मनाली आने जाने वाले पयर्टक आते-जाते हुए इन्हें निहार सकते हैं।

इसके अंतर्गत जिला में सुंदरनगर के जवाहर पार्क की दीवारों पर म्यूरल आर्ट के माध्यम से सुकेत रियासत की विरासत और सांस्कृतिक धरोहरों देखने का मौका मिलेगा। नगर परिषद ने इसका खाका तैयार कर लिया है। इसके लिए करीब साढ़े तीन लाख का अनुमानित बजट रखा गया है। मूर्ति कला और चित्रकला में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर पुरस्कार जीत चुके बिलासपुर के विजय राज उपाध्याय को इसका जिम्मा सौंपा गया है।

पहले चरण मे जवाहर पार्क में इन तस्वीरों को बनाने के बाद सिनेमा चौक स्थित लक्ष्मण वाटिका में पर्यावरण आधारित तस्वीरें बनाई जाएंगी। इसके बाद तीसरे चरण में नरेश चौक पर शहीद नरेश चौहान की मूर्ति भी तैयार की जाएगी। यह सीमेंट से बनाए जाने वाला ऐसा आर्ट है, जो कई दशकों बना रहेगा।

म्यूरल आर्ट में इन्हें मिलेगी जगह
म्यूरल आर्ट में सुकेत रियासत मंदिर महामाया, शुकदेव मुनि, माहूंंनाग देव के अतिरिक्त मंडी जिला की सांस्कृतिक धरोहरें और देवता मेले के स्वरुप को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग का सहयोग भी लिया जाएगा।

पयर्टकों को जानकारी देना है उदेश्य
कुल्लू-मनाली जाने वाले पयर्टकों को सुकेत रियासत और मंडी जिला की सांस्कृतिक धरोहरों बारे अवगत करवाना इसका मुख्य उदेश्य रहेगा। बिलासपुर के प्रसिद्ध मॉल और उपायुक्त कार्यालय में अभी तक म्यूरल आर्ट के माध्यम से धरोहरों को दिखाया गया है। सुकेत रियासत की विरासत और यहां की सांस्कृतिक धरोहरों को म्यूरल आर्ट के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। जवाहर पार्क की दीवारों पर इन्हें तैयार किया जाएगा।