बारिश की कमी से जीरा बन गई गेंहू

एसके शर्मा । हमीरपुर  

जिला हमीरपुर में गेंहू की फसल पककर बेशक तैयार हो चुकी है, लेकिन समय पर बारिश न होने के चलते गेंहू का दाना अच्छा नहीं बना। जीरे के आकार का गेंहू का दाना देखकर किसान भी हैरान हैं। इनके चेहरों पर मायूसी साफ झलक रही है। वहीं किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग उठाई है। गेंहू की बुआई से लेकर कटाई तक का सफर इस बार किसानों के लिए दुखदाई रहा। अच्छी फसल न होने के कारण ट्रेक्टर की बिजाई पर खर्च किया पैसा भी किसानों को नसीब नहीं हो पाया। हमीरपुर जिला में अधिकांश किसानों ने आधे से ज्यादा गेंहू की फसल पशुचारे के रूप में इस्तेमाल कर मवेशियों को खिला दी है। रही सही फसल को काटने का कार्य अब शुरू हुआ है। हालांकि फसल की थ्रेसिंग करने से किसान गुरेज कर रहे हैं। इनका कहना है कि गेंहू में अच्छा दाना नहीं बन पाया।

ऐसे में थ्रेसिंग के दौरान भी पैसों का ही भुगतान करना होगा। इस बार मजबूरी में सिर्फ तूड़ी के चक्कर में फसल की मढ़ाई कर रहे हैं। जाहिर है कि समय पर बारिश न होने के चलते कई क्षेत्रों में पशुचारे का संकट भी मंडरा गया है। बारिश की कमी के चलते घासनियों में नए घास का अंकुर तक नही फूट सका है, जिस कारण पशुपालकों की हरे चारे की उम्मीद पूरी तरह धराशाही हो गई है। कई पशुपालनक अब सूखा घास खरीदकर पशुओं को खिला रहे हैं। बारिश न होने के चलते आगामी समय में पशुचारे का संकट भी मंडरा जाएगा। क्षेत्र के लोग राकेश कुमार, विजय कुमार, विनोद कुमार, अजय सिंह व विवेक चौहान आदि ने बताया कि इस बार गेंहू की फसल बिलकुल भी संतोषजनक नहीं है। अधिकांश फसल पहले ही काटकर पशुचारे के रूप में पशुओं को खिलाई जा चुकी है। रही सही फसल में भी अच्छा दाना नहीं बन पाया है। सिर्फ तूड़ी के लिए ही थ्रेसिंग करवा रहे हैं। किसानों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें फसल का मुआवजा प्रदान किया जाए। वे फसल की बिजाई से लेकर थ्रेसिंग तक हजारों रुपए खर्च हो चुके हैं।