सड़क सुविधा के लिये तरस रहा दाबला गांव

सुरेंद्र जम्वाल। बिलासपुर

देश की आजाद को 72 साल बीत चुके है मगर कुछ गांव ऐसे हैं जहां आजतक सड़क सुविधा नहीं पहुंच पाई है। जी हां हम बात कर रहे हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला की जहां घुमारवीं उपमंडल के तहत दाबला गांव का वार्ड नम्बर 04 आज भी सड़क सुविधा से महरूम है। 25 से 30 परिवारों से सम्बंधित 100 लोगों की जनसंख्या वाला यह गांव शांत पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है लेकिन यहां के लोगों का जीवन जितना सरल नजर आता है उतना है नहीं।

वहीं इस बात को सिद्ध करता है दाबला गांव से आया एक वीडियो जिसमें एक बीमार बच्ची को ग्रामीणों द्वारा मंजे पर लिटाकर बमुश्किल खडड पार कर अस्पताल ले जाया गया था। सड़क सुविधा ना होने के चलते एम्बुलेंस सेवा गांव तक नहीं पहुंच पाती है। जिससे ग्रामीणों को इमरजेंसी के दौरान मरीज को ऐसे ही मंजे पर लिटा कर कंधे पर उठाकर कुछ किलोमीटर पैदल चलने के बाद खडड पार करवानी पड़ती है और फिर कहीं जाकर एम्बुलेंस व प्राइवेट वाहन तक मरीज को पहुंचाना पड़ता है।

वहीं स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव तक सड़क सुविधा ना होने के चलते उन्हें इस तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ता है और यह समस्या बड़ी हो जाती है जब बरसात के दिनों में सीर खडड पानी से भर जाती है और ऐसे में मरीज को खडड पार करवाना और भी मुश्किल हो जाता है। वहीं स्थानीय ग्रामीण हेमराज ने बताया कि गांव तक सड़क ना होने के चलते उनकी कैंसर पीड़ित बुजुर्ग माता को भी ऐसे ही मंजे पर लिटा कर अस्पताल ले जाया गया था मगर उन्होंने अस्पताल पहुंचने तक दम तोड़ दिया। अगर सड़क सुविधा होती तो समय पर उनका इलाज हो सकता था। वहीं स्थानीय ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन से जल्द ही सड़क सुविधा मुहैया करवाने की मांग की है।

वहीं दाबला गांव के ग्रामीणों को आ रही इस समस्या के बारे में डीसी बिलासपुर राजेश्वर गोयल का कहना है कि दाबला गांव तक लोगों के आने जाने के लिए पक्के रास्ते की तो व्यवस्था की गई है । मगर एम्बुलेंस रोड ना होने के चलते ग्रामीणों को इस तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है । जिसके समाधान के लिए जल्द ही पंचायत स्तर पर बातचीत गांव तक सड़क सुविधा पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा ताकि आने वाले समय मे स्थानीय ग्रामीणों को इस तरह की असुविधा का सामना ना करना पड़े ।