डेडिकेटेड कोविड अस्पताल नेरचौक को किया जाए कहीं और शिफ्ट

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी के लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाने से मरीजों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वहीं मेडिकल कॉलेज नेरचौक को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाने से प्रभावित हो रही ओपीडी को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने भी मोर्चा खोल दिया है। जहां कोविड-19 महामारी से पहले इस मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन लगभग 1200 मरीजों की ओपीडी होती थी वहीं अब इस अस्पताल में फ्लू, केंसर और एमरजेंसी सेवाओं के साथ कोविड अस्पताल ही कार्य कर रहा है। इस समस्या को लेकर प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के पूर्व उपाध्यक्ष नरेश चौहान ने कहा कि मेडिकल कॉलेज नेरचौक में सामान्य ओपीडी बंद होने से कुल्लू,मंडी,बिलासपुर व इसके साथ लगते जिलों के हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं। इसकी कीमत विभिन्न जिले के लोगों को चुकानी पड़ रही है।
उन्होंने मेडिकल कॉलेज से डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल हटाकर यहां ओपीडी बहाल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज की बंद की गई ओपीडी के कारण लोग पीजीआई और अन्य बाहरी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। नरेश चौहान ने कहा कि कोविड-19 के यहां लाए जा रहे मरीजों के लिए आइसोलेशन और वेंटिलेटर की आवश्यकता रहती है। यह व्यवस्था मंडी के जोनल हॉस्पिटल स्थित एमसीएच कम्युनिटी हेल्थ या दूसरे भवन में की जा सकती है।
  •  प्रभावित हो रही जरनल ओपीडी: चौहान
चौहान ने कहा कि नेरचौक मेडिकल कॉलेज में 300 प्रशिक्षु डाक्टर एमबीबीएस की ट्रेनिंग ले रहे हैं और अभी 100 नए एमबीबीएस छात्रों का नया बैच आना था। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में बीएससी नर्सिंग में नर्सेस भी प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। इसके अलावा विभिन्न विभागों में 10 से 20 डाक्टर और स्टाफ तैनात थे जो अब घर पर बैठे हुए हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि नेरचौक मेडिकल कॉलेज से कोविड-19 सेंटर को जल्द हटाकर किसी अन्य अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल बनाकर यहां पर ओपीडी बहाल की जाए।