रहाणे ने ऑस्ट्रेलिया को हराने का सिलसिला रखा जारी, 2-1 से हारे कंगारू

उज्जवल हिमाचल। नई दिल्ली

भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 2018-19 दौरे से पहले ऑस्ट्रेलिया में कंगारू टीम के खिलाफ कोई भी टेस्ट सीरीज नहीं जीती थी, लेकिन ये सिलसिला विराट कोहली की कप्तानी में टूटा और उस साल टीम इंडिया ने इतिहास रचा था। विराट ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने की जो परंपरा शुरू की थी, उसे अजिंक्य रहाणे ने आगे बढ़ाया और चार मैचों की इस टेस्ट सीरीज में कंगारू टीम को 2-1 से हराने में सफलता हासिल की।

जब ये टेस्ट सीरीज शुरू हुई थी, तब टीम के कप्तान विराट कोहली थे और एडिलेड टेस्ट मैच खेलने के बाद वो भारत वापस चले गए। हालांकि भारतीय टीम को एडिलेड में हार मिली थी और इस मैच की दूसरी पारी में टीम इंडिया ने टेस्ट क्रिकेट के सबसे न्यूनतम स्कोर (36) बनाया था। अब बारी थी अजिंक्य रहाणे की क्योंकि वो टीम के उप-कप्तान थे और कप्तानी की जिम्मेदारी उन्हें दी गई।

रहाणे के कप्तान बनने के बाद उनकी कप्तानी को लेकर कई तरह की बातें की गई। कहा गया कि ऑस्ट्रेलिया में जीतने के लिए विराट जैसे तेवर चाहिए, लेकिन रहाणे ने दिखा दिया कि शांत रहकर कैसे टेस्ट सीरीज जीत सकते हैं। रहाणे ने पहले ही टेस्ट मैच में कप्तानी करते हुए भारत को मेलबर्न में जीत दिला दी। इसके बाद सिडनी टेस्ट मैच ड्रॉ रहा और फिर उन्होंने ब्रिसबेन टेस्ट मैच में टीम को तीन विकेट से जीत दिलाते हुए सीरीज पर 2-1 से कब्जा किया।

ब्रिसबेन टेस्ट मैच में टीम को जीत के लिए 328 रन का लक्ष्य मिला था, लेकिन दूसरी पारी में शुभमन गिल के 91 रन और रिषभ पंत के नाबाद 89 रन के दम पर भारतीय टीम के जीत हासिल की और कंगारू धरती पर लगातार दूसरी बार टेस्ट सीरीज जीतने में सफलता अर्जित की। वहीं कप्तान रहाणे की बात करें, तो उन्होंने पांच टेस्ट मैचों में भारत के लिए कप्तानी करते हुए चार में जीत दर्ज की और एक मैच ड्रॉ रहा। रहाणे की कप्तानी में भारत ने ब्रिसबेन में 1988 के बाद ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट में हराने में सफलता भी हासिल की।