महंगे दामाें पर मिल रहा घटिया मीट, विभाग बेखबर

चमेल सिंह देसाईक। शिलाई

उपमंडल शिलाई के अंदर मीट विक्रेता सरकारी नियमों सहित स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों की सरेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। क्षेत्र में प्रशासनिक आदेश बताकर विक्रेता मनमाने दाम वसूल रहे हैं। जनता को घटिया किस्म का मीट मोटे दामों में बैचा जा रहा है। प्रशासन को मनमाने दामों पर अंकुश लगाने की मांग कई बार की गई है, लेकिन जनता को राहत नहीं मिल पाई है, जिससे क्षेत्रीय लोगों में रोष व्यापक है।

विभागीय अधिसूचना के अनुसार बकरा व भेड़ा का मीट 400 रूपए, सूअर 220, मुर्गा व मछली 180 रूपए किलो निर्धारित किया गया है। मीट विक्रेताओं की दूकान पर रेट लिस्ट होना जरुरी किया गया है, लेकिन शिलाई में नियमों व प्रशासनिक आदेशों को दरकिनार करके बकरा व भेड़ा का मिक्स मीट 500 रूपए, गुणवत्ता में बडिया बकरा व भेडा 600, सूअर 300, मुर्गा व मछली 260 रूपए किलो दिया जा रहा है। यहां व्यक्ति के व्यक्तित्व को देखकर रेट लगाए जाते हैं।

प्रशासनिक कर्मचारियों व अधिकारीयों को फ्री में भी मीट उपलब्ध रहता हैं। उपमंडल शिलाई के रोनहाट कस्बे में मीट विक्रेता पंकज तितोरिया कहते हैं कि स्थानीय नायब तहसीलदार ने उन्हें निर्धारित रेट से अधिक मीट बेचने की परमिशन दी हुई है, उनकी दूकान पर रेट लिस्ट की जरूरत नहीं है। क्याेंकि रोनहाट में उनके अपने रेट चलेगे, वह अपने रेट के हिसाब से ही मीट बेचेगे, इसलिए मीट खरीदना है, तो खरीदे अन्यथा ग्राहक बहुत है। स्थानीय प्रशासन की पूरी परमिशन है, जो उनके पास अभी लिखित तोर पर नहीं है।

स्थानीय लोगों में भीम सिंह ठाकुर, मनोज कुमार, दिनेश सिंह व कल्याण सिंह बताते हैं कि मीट मार्केट वाले बिना मेडिकल किए बकरे का मीट जनता को खिला रहे हैं। कई बार तो सही से साफ़ भी नहीं होता। मीट से गंदी बदबू आ रही होती है, फिर भी सरकारी रेट से कही अधिक रेट पर खुलेआम मीट बेचा जा रहा है। प्रशासन को शिकायतें की गई है, लेकिन न रेट लिस्ट लगती है न ही मीट के सरकारी दाम लगते हैं। इतना ही नहीं, बल्कि प्रशासन इनके चालन भी नहीं काटता है, जिससे प्रशासनिक अधिकारीयों की मिलीभगत साफ़ नजर आ रही है।

उलेखनीय है कि शिलाई तहसील में लगभग तीन माह पहले तहसीलदार ने मनमाने दाम वसूलने पर 15 दिनों तक मीट मार्केट बंद रखी थी, जिसके बाद सरकारी दाम पर मीट बेचने की शर्त पर मीट मार्केट खुली थी, लेकिन उक्त अधिकारी के सेवानिवृत होते ही “दिया तले अंधेरा” वाली कहावत चरितार्थ होने लगी है। यदि रोनहाट कस्बे की बात की जाए, तो यहां सरेआम प्रशासनिक अधिकारियों के कंधे पर निर्धारित रेट से अधिक मीट बेचा जा रहा है।

खाद्य, नागरिक एवं आपूर्ति निगम इंस्पेक्टर, विक्रम सिंह ठाकुर ने बताया कि उनके पास निर्धारित रेट से अधिक मीट बेचने की शिकायते हैं, जिस पर जल्द टीम बनाकर कार्यवाही की जाएगी। यदि किसी मीट विक्रेता के पास रेट लिस्ट नहीं पाई गई, तो विभागीय कार्यवाही अम्ल में लाई जाएगी साथ ही मीट बेचने की दुकान पर ताला लगाया जाएगा।