विभाग की मिलीभगत, चहेतों को लॉक डाउन में दिया टेंडर

उज्जवल हिमाचल। जवाली

उपमंडल जवाली के अधीन कैहरियां चैक पर टाइल बिछाने व नाली निर्माण कार्य की उच्च स्तरीय जांच की मांग बड़े जोर शोर से उठने लगी है। बुद्धिजीवियों ने लोक निर्माण विभाग को लपेटते हुए कहा कि लॉकडाउन में विभाग ने कैसे टेंडर लगा दिया जबकि ठेकेदार के पास एक कार्य की अनुमति थी। बुद्धिजीवियों ने इस कार्य में नियमों को दरकिनार कर क्रेशर का रेता-बजरी लगाने की बजाए देहर खड्ड का मैटीरियल थोपा गया है तथा विभाग भी मूकदर्शक बना यह देखता रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि लोक निर्माण विभाग ने उच्च नेता के करीबी चहेते को लाभ पहुंचाने की खातिर कैहरियां चैक पर करीबन 2 लाख का टेंडर कर दिया।

अब सवाल यह उठता है कि क्या लॉक डाउन के चलते टेंडर दिया जा सकता है ? जबकि सूत्रों के हवाले से पता चला है जाए कि लॉकडाउन में टेंडर नहीं लगाया जा सकता था। उल्टा चैक पर टाइल लगा दी गई जिसका कोई औचित्य ही नहीं बनता है। विभाग व जनता की आंखों में धूल झोंकने व दिखावे के लिए नाममात्र ही क्रशर की बजरी व रेता मंगवाया गया जबकि मैटीरियल दरिया का प्रयोग किया गया। बुद्धिजीवियों ने कहा कि कैहरियां चैक पर डाली गई टाइल भारी भरकम वाहनों के टायरों से भी टूट जाएगी जिससे लाखों रुपए का नुकसान होगा। बुद्धिजीवियों ने मांग की है कि इस कार्य की जांच करवाई जाए। उन्होंने कहा कि इसकी लिखित शिकायत मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी की जाएगी।

  • नगर पार्षद रवि कुमार व समाजसेवी विनय चाैधरी का आरोप

इस संदर्भ बारे नगर पंचायत जवाली के पार्षद रवि कुमार, समाजसेवी विनय चाैधरी का कहना है कि विभागीय मिलीभगत के चलते चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए बिना वजह टाइल लगवाई गई और नालियों के निर्माण में घटिया मैटीरियल लगाया गया है जिसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई है। उन्होंने यह भी मांग मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से की है कि इसकी जांच भी की जाए कि लॉकडाउन में टेंडर कैसे लगाया गया।

इस बारे में लोक निर्माण विभाग जवाली के एक्सईएन जगतार सिंह ने कहा कि अगर दरिया का रेता-बजरी प्रयोग हुआ है तो इसकी जांच की जाएगी। अगर ऐसा पाया गया तो ठेकेदार के इस कार्य को पास ही नहीं किया जाएगा और इसकी पेंमेंट भी नहीं की जाएगी।