समाजसेवी साधु राम राणा ने गिनाया अपने कार्यकाल के विकास

उज्जवल हिमाचल। जवाली

जवाली के कुठेड़ में समाजसेवी साधु राम राणा ने प्रेस वार्ता में कहा कि लगभग पांच बर्ष पूर्व मैंने पंचायत समिति का चुनाव डोल पंचायत की सूझवान जनता के आशीर्वाद से जीता था और इस में कोई शक नहीं कि जनता ने भारी मतों से मुझे विजयश्री का आशीर्वाद मुझसे काफी उम्मीदों की अपेक्षा करते हुए मुझे दिया था। मैंने जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयास करते हुए पांच साल तक जनता का सहयोग प्राप्त करते हुए कुछ जनहित कार्यों केलिए आवाज उठाते हुए पूरा किया है, जिसका विवरण इस प्रकार से हैं। पधर स्कूल को वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला का दर्जा दिलाया।

पधर में आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी खुलवाना और भवन निर्माण के लिए बजट स्वीकृत करवाया। दुराना पाठशाला का दर्जा माध्यमिक पाठशाला के रुप में करवा कर भवन एवं शौचालय निर्माण एवं सोलर यूनिट स्थापित करवाया। पानी की समस्या के हल हेतु एक बड़े आकार के टयूबल का निर्माण करवाया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दुराना में पानी की समस्या के हल हेतु एक हैंडपंप स्थापित करवाया। टीका तलीयाल को आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत चयनित करवा कर विकास हेतु रुपए दस लाख स्वीकृत करवाए। 20 गरीब एवं जरुरतमंद परिवारों को विमारी के इलाज एवं बेटियों की शादियों के लिए सहायता राशि स्वीकृत करवाई।

120 बुढ़ापा अपंगता विधवा पैंशन के मामले जरुरतमंदों के घर द्वारा जाकर तैयार करने उपरांत समस्त औपचारिकताएं पूरी करने उपरांत स्वयं तहसील कल्याण विभाग के कार्यालय में जमा करवाए, जिसमें से 110 पैंशन जरुरतमंदों को नियमित रूप से मिल रही हैं। केवल 10 पैंशन मामले जो 2020 में प्रेषित किए गए हैं। अभी तक संबंधित विभाग के पास लंबित हैं, जो कि आगामी जनवरी माह तक स्वीकृत किए जा सकते हैं। भिन्न-भिन्न योजनाओं के अंतर्गत एसी वस्तियों में अन्य सार्वजनिक स्थानों पर मुफ्त योजनाओं के अंतर्गत 35 सोलर लाइटें और 15/85 योजना के अंतर्गत 50 सोलर लाइटें स्थापित करवाई।

लगभग 10 लाख रुपए भिन्न-भिन्न योजनाओं के अंतर्गत एवूलेंस सड़कों एवं पक्कों रास्तों के निर्माण के लिए स्वीकृत एवं आबंटित किए। इसके अलावा पंचायत समिति सदस्य के रुप में सरकार से मिलने वाली मानदेय राशि को शत-प्रतिशत गरीब परिवारों की लड़कियों की शिक्षा एवं शादियों केलिए सहायता के रूप में आबंटित किया । उपरोक्त कार्यों के अलावा और भी बहुत कुछ विकास कार्यों को करने का जुनून दिल में था, लेकिन सीमित शक्तियों एवं सीमित समय के कारण अधूरा रह गया है, जिसकी भरपाई करने के प्रयास आगामी समय में मौका मिलने पर अपने स्तर पर और मौका न मिलने पर अन्य माध्यमों से जारी रहेंगे।

क्योंकि विकास एक शिखर स्तर की मंजिल है, जिसे संपूर्ण रुप से आजतक कोई नहीं छू पाया है। राम भगवानजी को भी जब स्वर्ग से बुलाने देवदूत धरती पर आया और राम भगवान जी से कहा कि राम आपने जिन कार्यों के लिए धरती पर अवतार लिया था, वह समस्त कार्य पूर्ण हो चुके हैं। अतः अब आप का स्वर्ग में प्रस्थान करने का समय आ गया है। तब रामजी बहुत ही भरे हुए स्वरों में कहा था कि कुछ कार्य ऐसे होते हैं कि जिन को करने की तमन्ना शेष अब भी दिल में है, लेकिन समय के अभाव के कारण अब उनको पूरा नहीं किया जा सकता है।

अतः यहीं हालत हम सब की है। जिंदगी के छोटे से सफ़र में दिल और दिमाग में सोचें हुए कुछ कार्य कर पाते हैं और कुछ शेष रह ही जाते हैं, लेकिन हमें जिंदगी में जो भी जिम्मेदारी मिले उस जिम्मेदारी को फर्ज समझ कर निभाने के प्रयास अंतिम समय तक करने चाहिए, ताकि जिंदगी उद्देश्यों के आधार पर जी सके न कि धरती पर बोझ बन कर।