नियमों को ताक पर रखकर किए जा रहे विकासात्मक कार्य: धर्माणी

 सुरेंद्र जंवाल। बिलासपुर
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं पूर्व मुख्य संसदीय सचिव राजेश धर्माणी ने घुमारवीं विस क्षेत्र में विकासात्मक कार्यों को लेकर की जा रही राजनीति और नियमों को ताक पर रखकर किए जा रहे विकासात्मक कार्यों पर सवालिया निशान लगाए हैं। परिधि गृह बिलासपुर में आयोजित प्रैसवार्ता में राजेश धर्माणी ने कहा, कि विकासात्मक कार्यों के तहत सड़कों के विस्तारीकरण और टाङ्क्षिरग में लगाई जा रही कथित घटिया सामग्री से सड़कों की हालत बद से बदत्तर हो चुकी है। उन्होंने प्रदेश सरकार से घुमारवीं विस क्षेत्र में सरकारी धन की जा रही कथित लूट-खसूट की विजीलैंस जांच करवाए जाने की मांग की है तथा दोषियों के विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाई कर सरकारी धन की कथित लूट को रोकने का आग्रह भी किया है। उन्होंने कहा कि घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में विकासात्मक कार्यों में दोहरे मापदंड अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान सड़कों की विस्तारीकरण के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 21 करोड़ रुपए तथा नाबार्ड से 20 करोड़ रुपए मंजूर करवाए थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद इन विकास कार्यों को राजनैतिक द्वेष के चलते पहले रोक दिया गया और जब काम शुरू किया तो गुणवत्ता और केंद्र सरकार के नियमों को ताक पर रखकर इसका कार्य शुरू किया गया। संबंधित ठेकेदार के पास कोई व्यक्ति न होने के कारण जैसे-तैसे काम पूरा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि संबंधित कामों का विभाग के अधिकारियों ने भी निरीक्षण करना उचित नहीं समझा। जिस कारण सारी सड़कों पर की गई टाङ्क्षिरग उखड़ गई। उन्होंने कहा कि संबंधित सड़कों पर दो बार पैचवर्क भी किया गया, लेकिन इसके बावजूद 80 प्रतिशत सड़कों की हालत खस्ता है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ तो विभाग के पास जमा पैसे से काम शुरू नहीं किए जा रहे हैं, तो दूसरी तरफ राजनैतिक आधार पर वन भूमि पर भी काम किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा व विपल्व ठाकुर द्वारा कुछ पैसा स्वीकृत किया गया था, लेकिन इनका काम शुरू नहीं किया गया है, जबकि विधायक प्राथमिकता के तहत स्वीकृत काम को भी राजनैतिक आधार पर लटकाया जा रहा है और दलील दी जा रही है, कि वन विभाग की जमीन के चलते काम शुरू नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना व नाबार्ड से पैसा तभी मंजूर होता है, इसकी सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ही पैसा स्वीकृत होता है। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर अपनों को लाभान्वित करने के लिए वन भूमि पर भी काम किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विस क्षेत्र में किए जा रहे ऐसे कार्यों के विरूद्ध पहले ही ढोल बजाओ, सरकार जगाओ कार्यक्रम शुरू किया था, लेकिन यदि सरकार ने अब संबंधित कामों की विजीलैंस जांच न करवाई तो कांग्रेस सड़कों पर उतरने पर विवश होगी। जिसकी सारी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की होगी।