इंदौरा में डॉक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर जताया विरोध

उज्जवल हिमाचल इंदौरा। हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ की वर्चुअल बैठक अध्यक्ष डॉ जीवानंद चौहान की अध्यक्षता में हुई थी जिसका संचालन प्रदेश महासचिव डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने किया था बैठक में एकमत से निर्णय लिया गया था कि सारे प्रदेश के चिकित्सक जिसमें की मेडिकल कॉलेजेस की आरडीए भी शमिल हैं, तब तक काले बिल्ले लगाकर काम करते रहेंगे इसी के चलते समुदायिक स्वस्थ केंद इन्दौरा के चिकित्सकों द्वारा काले बिल्ले लगाकर रोष प्रकट किया गया। चिकित्सकों ने कहा कि जब तक प्रदेश सरकार अनुबंध कर्मचारियों को मिलने वाले ग्रेड पे को अनुबंध पर लगे चिकित्सकों को जारी करने के आदेश नहीं दे देती। फिलहाल के लिए संघ ने पेन डाउन हड़ताल को अगले आदेशों तक आगे बढ़ा दिया है।
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संघ के सभी सदस्यों ने माननीय मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया कि उन्होंने कांगड़ा जिला के दौरे में अपनी व्यस्तता के बावजूद स्वास्थ्य सचिव को तुरंत इन अनुबंध चिकित्सकों की रिकवरी रोकने को कहा। इसलिये संघ के सभी सदस्यों ने एकमत से कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि अभी रिकवरी को और आगे वेतन काटने को कुछ समय के लिए सरकार की तरफ से अगले आदेशों तक स्थगित किया गया है, तो उस को ध्यान में रखते हुए और प्रदेश में तेजी से फैलती, इस करोना महामारी के मद्देनजर और अपने प्रदेश की जनता के हित को देखते हुए, फैसला लिया है कि पूरे प्रदेश के चिकित्सक और सारी मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर काले बिल्ले लगाकर काम करते रहेंगे जब तक कि हमारे अनुबंध चिकित्सा कर्मियों की ग्रेड पे के लिखित आदेश जारी नहीं किए जाते।

इसके अलावा सरकार के विशेषज्ञ चिकित्सकों को मात्र 40 हजार पर नियुक्ति करने पर भी विरोध जताया और मांग करी की इन अनुबंधित विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ अगर सरकार ने बांड किया है तो उनको उनके विषेशज्ञता के अनुसार एक पद, एक वेतन के साथ नियुक्ति दी जाए, न कि उनका इस तरह से शोषण किया जाए।

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बोले, सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाना सही नहीं

चिकित्सक संघ ने सरकार के उस अधिसूचना का भी एक मत से विरोध किया है, जिसमें के बार-बार मेडिकल कॉलेज में सेवानिवृत्ति की आयु को बढ़ाया जा रहा है। यह प्रदेश के होनहार चिकित्सकों के हितों पर कुठाराघात है। हमारा सरकार से निवेदन है कि सेवानिवृत्ति की आयु मेडिकल कॉलेजेस में 62 वर्ष ही रहनी चाहिए और अगर किसी व्यक्ति विशेष की जरूरत हमारे मेडिकल कॉलेज में है तो उसके लिए प्रदेश सरकार की अनुबंध नीति पहले से ही मौजूद है। उस अनुबंध नीति के आधार पर उन विशेषज्ञ चिकित्सकों उनके संबंधित विभाग में अनुबंध पर उनके पद अनुसार अनुबंधित किया जा सकता है।

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