भर्ती प्रक्रिया को आगामी आदेशों तक स्थगित करना बेराेजगाराें के साथ अन्याय: संघ

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

हिमाचल प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन के दौरान 1724 टीजीटी शिक्षक सरकारी स्कूलों को उपलब्ध करवाने की घोषणा की थी, लेकिन निदेशक प्रारंभिक शिक्षा शिमला के माध्यम से 19-6-2020 को विदेशों में तथा बाहरी राज्यों में फंसे हुए कुछ पात्र उम्मीदवारों की समस्या को लेकर उपरोक्त भर्ती प्रक्रिया को आगामी आदेशों तक स्थगित कर दिया है, जो बेरोजगारों के साथ घोर अन्याय है। बहुत से पात्र उम्मीदवार जो बाहरी राज्यों या विदेशों में फंसे हुए थे, अपने राज्य में वापस पहुंच चुके हैं। बहुत ही कम पात्र उम्मीदवार जो अभी भी घर वापस नहीं आ सके हैं।

उनकी संख्या 5 से 20 के बीच हो सकती है। इन पात्र उम्मीदवारों के लिए सरकार ऑनलाईन काउंसलिंग की सुविधा दे सकती है, जबकि इन भर्तियों में निजि साक्षात्कार का कोई अंक नहीं रखा गया है। आनलाईन काउंसलिंग वाले पात्र उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र सक्षम प्राधिकारी के समक्ष पेश होने के वाद जारी किए जा सकते हैं। सरकार ने 31 दिसंबर, 2019 तक 2600 एसएमसी शिक्षकों के स्थान पर नियमित शिक्षक भेजने का वायदा किया था, लेकिन सरकार एसएमसी शिक्षकों के स्थान पर एक भी नियमित शिक्षक आज तक नहीं भेज पाई।

शिक्षकों के स्कूलों में अधिकांश पद खाली पड़े हैं, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई पर विपरीत असर पड़ा रहा है। लॉकडाउन के दौरान माननीय कोर्ट ऑनलाईन सुविधा के कारण मामलों की सुनवाई कर रहे हैं। नैटवैंकिंग की सुविधा के कारण जनता पैसों का लेन-देन आनलाईन कर रही है और विद्यार्थी आनलाईन शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को कुछ पात्र उमीदवारों को आनलाईन सुविधा प्रदान करके तय समय पर सरकारी स्कूलों को टीजीटी नियमित शिक्षक उपलब्ध करवा देने चाहिए।

2001-2008 के दौरान भर्ती हुए 14000 अस्थाई शिक्षकों की भर्ती में एक भी भर्ती नियमानुसार वैचवाईज नहींं हुई, जिससे 1999 वैच के पात्र उम्मीदवार 20 साल से वैचवाईज भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। अचानक टीजीटी की भर्ती स्थगित होने से बेरोजगारों में निराशा की लहर फैल गई है। इसलिए सरकार से विनम्र प्रार्थना है कि टीजीटी की वैचवाईज भर्ती पुनः तुरंत बहाल की जाए।