कोरोनाकाल में स्कूलों की महंगी फीस व खर्चों से तंग अभिभावकों ने प्राइवेट स्कूलों को सबक सिखाने के लिए निकाला रास्ता

उज्जवल हिमाचल । शिमला

कोरोना महामारी का असर आम लोगों की जेब पर भी पडने लगा है। वहीं, प्राइवेट स्कूलों की ओर से वसूली जा रही मनमानी फीस व खर्चों के बाद बहुत से अभिभावकों ने प्राइवेट स्कूलों से बच्चों को निकालकर सरकारी स्कूल में डाल दिया है। जानकारी के अनुसार प्रदेश के नौ जिलों में 2498 स्टूडेंट्स ने निजी स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में दाखिले ले लिए हैं। कोरोना संकट के बीच निजी स्कूलों की मनमानी फीस से गुस्साए अभिभावकों ने सरकारी स्कूलों पर भरोसा जताया है। बता दें कि  छठी से 12वीं कक्षा तक अभी एक लाख बीस हजार 156 स्टूडेंट्स की एडमिशन हो चुकी है। ऊना जिला में सबसे अधिक 1161 स्टूडेंट्स ने प्राइवेट स्कूल छोडे. हैं।

वर्ष 2020 के मार्च से शुरू हुए कोरोना संकट के चलते प्रदेश में शिक्षण संस्थान बंद हैं। सरकारी और निजी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई ही हो रही है। निजी स्कूलों की फीस को लेकर बीते वर्ष पूरे प्रदेश में खूब हल्ला हुआ था। निजी स्कूलों पर मनमानी फीस लेने के अभिभावकों ने आरोप लगाए थे। सरकार ने अभिभावकों को बड़ी राहत देते हुए कोरोना संकट के दौरान निजी स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस ही देने के लिए कहा था। अक्तूबर 2020 के दौरान मामला हाईकोर्ट पहुंचने के बाद सरकार ने सिर्फ ट्यूशन फीस वसूली के आदेश वापस ले लिए। स्कूलों के बंद होने के बावजूद कई निजी स्कूलों ने कई तरह के फंड वसूलना अभिभावकों से शुरू किए।

30 अप्रैल तक बिना लेट फीस जारी रहेगी दाखिला प्रक्रिया
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 30 अप्रैल तक बिना लेट फीस के दाखिले लेने की प्रक्रिया जारी रहेगी। 15 मई तक लेट फीस के साथ दाखिले दिए जाएंगे। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दाखिले लिए जा सकते हैं। विद्यार्थियों को दाखिले लेने के लिए स्कूल परिसर में आने पर रोक लगाई गई है। इनकी जगह अभिभावक स्वयं स्कूलों में जाकर दाखिला प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।