बीजेपी के एजेंट के रूप में काम कर रहा चुनाव आयोग : हर्षवर्धन चौहान

महंगाई बेरोजगारी पर सरकार खामोश, जनता देगी जवाब

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। शिमला

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग बीजेपी के एजेंट के तौर पर काम कर रहा है। कांग्रेस ने सौ से अधिक शिकायतें आयोग से की, लेकिन उन पर संज्ञान नहीं लिया गया। वहीं, कांग्रेस ने इस बार चुनाव आयोग के द्वारा 80 साल से अधिक उम्र के लोगों को बैलेट पेपर से मतदान में भी गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस मीडिया विभाग के चैयरमेन व विधायक हर्षवर्धन चौहान ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि प्रदेश में पहली बार अनोखा चुनाव हो रहा है, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी सरकार के लिए कोई मुद्दे नहीं है। बीजेपी की सरकार चुनावों में जनता का ध्यान मुद्दों से भटकाने में लगी है।

मुख्यमंत्री कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह को मजबूर प्रत्याशी बता रहे हैं। भाजपा के अन्य नेता भी महिलाओं के खिलाफ टिपणी कर अपनी निम्नमानसिकता दर्शा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महंगाई ने जनता की कमर तोड़ दी है। 2014 में सिलेंडर की कीमत 450 थी, जो आज 1050 हो गई है। पेट्रॉल 100, डीजल 95 से ऊपर है। सरकार महंगाई पर लगाम लगाने में फैल रही है। सरकार चार वर्षाें में महज 28661 लोगों को नौकरी दे पाई है, जिसमे 7700 पदों पर भर्तियां आउटसोर्स पर की गई हैं, जबकि पिछली कांग्रेस की सरकार मे 75 हजार लोगों को नौकरियां दी गई थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कमजोर मुख्यमंत्री की कमजोर सरकार है। हाइकोर्ट को कई मामलो पर निर्देश देने पड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से 3लाख 45 हजार डीओ नोट्स जारी हुए हैं, जिसमे 2 लाख कर्मचारियों की ट्रांसफर से जुड़े हैं। विक्रमादित्य सिंह के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। बीजेपी की सरकार ने कर्मचारियों को पटक-पटक कर प्रदेश में पटका है। उन्होंने कहा कि 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजर्ग लोगों को बैलेट पेपर से वोट डालने की सुविधा दी गई है, लेकिन इसमें कांग्रेस पार्टी के बीएलओ को साथ नहीं ले जाया जा रहा है। इसमें मतदाताओं को बीजेपी के लिए वोट करने के लिए प्रेसर बनाया जा रहा है।

इसकी शिकायत इलेक्शन कमीशन को की गई है, लेकिन आयोग निष्पक्ष रूप से काम नहीं कर पा रहा है। वहीं, उन्होंने कहा कि स्वयं को महिला हितैषी कहने वाली बीजेपी की सरकार आने के बाद प्रदेश में महिला अपराध बढ़े हैं। उन्होंने बताया कि 2016 में महिला अपराध के मामले 1216 थे, जो 2018 में बढ़कर 1617 पहुंच गए। वहीं, 2020 में महिला अपराध के मामले 1624 दर्ज किए गए हैं। बीजेपी की सरकार में महिला अपराधों में 25 प्रतिशत वृद्धि हुई है।