कोयला खदानों के निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

राज्य विद्युत बोर्ड इंप्लाइज यूनियन नेशनल को आर्डिनेशन कमेटी ऑफ इंप्लाइज एंड इंजीनियरिंग के आह्वान पर पूरे प्रदेश में बिजली संशोधन विधेयक 2020 और कोयला खदानों के निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इसको लेकर बिजली बोर्ड के कर्मचारी और इंजीनियर मुख्य अभियंता जनरेशन एचपीएसईबीएल सुंदरनगर के प्रांगण में यूनियन के प्रदेश महामंत्री जगमेल सिंह ठाकुर की अगुवाई में इकट्ठे हुए और अपना विरोध प्रदर्शन किया।

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जगमेल सिंह ठाकुर ने कहा कि आज उर्जा के क्षेत्र के साथ-साथ पूरा सार्वजनिक क्षेत्र बड़े कठिन दौर से गुजर रहा है। जहां एक तरफ कोयला सार्वजनिक क्षेत्र खदानों का निजीकरण करके प्राइवेट हाथों में दिया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ बिजली संशोधन विधेयक 2020 को मानसून सत्र में केंद्र सरकार लोकसभा में लाने की तैयारी कर रही है। लगभग देश के 11 राज्यों ने इस पर अपनी असहमति दर्ज की है। बावजूद इसके केंद्र सरकार इसमें आगे बढ़ रही है और उत्तर प्रदेश उड़ीसा के केंद्र शासित राज्यों में डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम वितरण प्रणाली को दो से तीन भागों में बांटकर प्राइवेट हाथों में देने की तैयारी कर रही है। जो ना तो देश की जनता के हित में है और ना ही बिजली क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों इंजीनियर के हित में है। निजि करने से बिजली की दरें इतनी अधिक हो जाएंगी कि बिजली की सुविधा आम जनता की पहुंच से दूर हो जाएगी।

विरोध प्रदर्शन में राज्य उपाध्यक्ष दौलत राणा संगठन सचिव प्रेम ठाकुर के प्रधान राणा सचिव रमेश शर्मा ने भी संबोधित किया सभी ने एकजुट होकर केंद्र सरकार द्वारा सरकारी उपक्रमों को प्राइवेट हाथों में देने का कड़ा विरोध जताते हुए हिमाचल सरकार से भी मांग की है कि अन्य 11 राज्यों की तर्ज पर केंद्र सरकार को अपनी असहमति दर्ज करवाएं।