पुरानी पेंशन बहाल जैसी अफवाहों पर कर्मचारी ना दें ध्यानः डॉ संजीव

उज्ज्वल हिमाचल। नूरपुर

कर्मचारियों को इन अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं जिसमें कहा जा रहा है कि केन्द्र सरकार पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने जा रही है और यह अफ़वाहें फैलाने वाले कर्मचारी अधिकारी वो हैं जो पुरानी पेंशन योजना में अपने बुढ़ापे में सुखी जीवन यापन कर रहे हैं। जिनको पुरानी पेंशन लगी हुई है। यह बात आज एक प्रैस विज्ञप्ति में डाक्टर संजीव गुलेरीया प्रदेश अध्यक्ष न्यु पेंशन स्कीम रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी वर्ग हिमाचल प्रदेश ने कही। डाक्टर संजीव गुलेरीया ने कहा कि केंद्र सरकार, ओपीएस बहाली नहीं करेगी, लेकिन एनपीएस को ज्यादा से ज्यादा आकर्षक बनाने का मसौदा, अंतरिम बजट में देखने को मिल सकता है।

एनपीएस में जमा हो रहा कर्मियों का दस फीसदी पैसा और सरकार का 14 फीसदी पैसा, इसमें सरकार बड़ा बदलाव कर सकती है। डाक्टर संजीव गुलेरीया ने कहा कि एनपीएस में सेवारत कर्मचारियों से निवेदन है कि वो सरकार को स्पष्ट संदेश दें कि हमें एनपीएस में सुधार नहीं हूबहू पुरानी पेंशन योजना ही चाहिए। डाक्टर संजीव गुलेरीया ने कहा कि अगर लोकसभा चुनाव से पहले ‘पुरानी पेंशन’ लागू नहीं होती है, तो भाजपा को उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

कर्मियों, पेंशनरों और उनके रिश्तेदारों को मिलाकर यह संख्या 10 करोड़ के पार चली जाती है। चुनाव में बड़ा उलटफेर करने के लिए यह संख्या निर्णायक है। यही वजह है कि कर्मचारी संगठन, अब विभिन्न राजनीतिक दलों से संपर्क कर रहे हैं। अगर यह दल कर्मचारियों की मांग मान लेते हैं, तो 10 करोड़ वोटों का समर्थन संबंधित राजनीतिक दल के पक्ष में जा सकता है। जैसे कि हिमाचल प्रदेश में 1 लाख से ज्यादा सेवारत कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने कांग्रेस के पक्ष में वोट डाल कर हिमाचल में भाजपा सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

डाक्टर संजीव गुलेरीया ने कहा कि देश के दो बड़े कर्मचारी संगठन, रेलवे और रक्षा (सिविल) ने अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए अपनी सहमति दे दी है। स्ट्राइक बैलेट में रेलवे के 11 लाख कर्मियों में से 96 फीसदी कर्मचारी ओपीएस लागू न करने की स्थिति में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा रक्षा विभाग (सिविल) के चार लाख कर्मियों में से 97 फीसदी कर्मी, हड़ताल के पक्ष में हैं।

संवाददाताः विनय महाजन

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