आज भी हंगामे की भेंट चढ़ सकता है संसद सत्र, गरमा सकता है 12 सदस्यों के निलंबन का मुद्दा

उज्जवल हिमाचल। नई दिल्ली

मानसून सत्र में इन सांसदों ने अशोभनीय आचरण किया था। सदन के अंदर तोड़-फोड़, आसन पर पेपर फेंकने, टेबल पर चढ़कर डांस करने और मार्शल के साथ अभद्रता के आरोप थे। आज इस मुद्दे पर राज्यसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष के 12 सदस्यों के निलंबन का मुद्दा आज गरमा सकता है। इस मुद्दे पर विपक्ष हंगामा कर सकता है। सत्र से पहले इस मुद्दे पर आगे की रणनीति तय करने के लिए विपक्ष की बैठक हो रही है। आज खड़गे राज्यसभा के सभापति से बात करेंगे और अगर सरकार इनका निलंबन वापस नहीं लेती है, तो विपक्ष पूरे सत्र का बहिष्कार कर सकता है।

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विपक्ष के 12 सदस्यों के निलंबन पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भविष्य की रणनीति पर चर्चा के लिए विपक्षी दल आज बैठक कर रहे हैं। माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता। सांसदों को सदन के नियमों के खिलाफ निलंबित किया गया है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ‘सरकार को कृषि कानूनों के विरोध में जान गंवाने वाले किसानों का रिकार्ड बनाने और उनके परिवारों को मुआवजा देने का निर्देश देने के लिए’ लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है। वहीं, कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने ‘देश भर में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारणों पर चर्चा करने के लिए और सरकार को पेट्रोल, डीजल, एलपीजी पर उत्पाद शुल्क को 2013 के स्तर तक कम करने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश देने के लिए’ लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है।

केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्तें) संशोधन विधेयक, 2021 पेश करेंगे। यह विधेयक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1954 और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1958 में और संशोधन का प्रयास है। निलंबित सदस्यों ने बीते मानसून सत्र के आखिरी दिन सदन की गरिमा को तार-तार करते हुए कथित तौर पर धक्का-मुक्की के साथ जबर्दस्त हंगामा किया था। इसे लेकर गठित समिति ने इसकी जांच की थी, जिसकी सिफारिशों के आधार पर तैयार प्रस्ताव को सदन में मंजूरी दी गई।

राज्यसभा से विपक्षी दलों के 12 सांसदों के निलंबन ने सरकार और विपक्ष के बीच फिर से दरार पैदा कर दी है। सरकारी सूत्रों ने कहा है कि जिन सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, अगर वे नियमानुसार माफी मांगते हैं, तो इस पर विचार किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखकर सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। सदन में अनुशासनहीनता के आरोप में राज्यसभा के 12 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है।

इसमें सीपीएम के इलामाराम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, आर बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह, भाकपा के बिनाय विश्वम, टीएमसी की डोला सेन और शांता छेत्री और शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई को मौजूदा सत्र के शेष भाग के लिए निलंबित कर दिया गया है। सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा में कृषि विधि निरसन विधेयक, 2021 को मंजूरी प्रदान कर दी गई। विपक्ष लगातार इस विधेयक पर चर्चा की मांग करते हुए भारी हंगामा कर रहा था, जिस कारण सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करना पड़ा।