आखिर क्यूं ऊना के पूर्व सैनिक ने मांगी इच्छा मृत्यु?, ख़बर में पढ़ें पूरा मामला

उज्जवल हिमाचल। ऊना

ऊना जिला मुख्यालय से सटे रक्कड़ कॉलोनी में रह रहे एक पूर्व सैनिक ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु देने की मांग की है। यह पूर्व सैनिक पिछले 5 साल से कैंसर से पीड़ित है। इसका इलाज पंजाब के मोहाली स्थित एक निजी अस्पताल में चल रहा है। पूर्व सैनिक का आरोप है कि उसे पिछले वर्ष जुलाई के बाद से इलाज के लिए कोई भी पैसा ईसीएचएस के माध्यम से नहीं मिला है।

इतना ही नहीं प्रताड़ना का शिकार हो रहा पूर्व सैनिक रवि कांत शर्मा कई बार इस मामले की शिकायत मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के साथ-साथ प्रधानमंत्री कार्यालय को भी कर चुका है, लेकिन उसकी शिकायत पर अभी भी कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिसके चलते उसने अब तंग आकर इच्छा मृत्यु की मांग की है।

जानकारी के अनुसार, जिला के रक्कड़ कॉलोनी निवासी पूर्व सैनिक रवि कांत शर्मा ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी के माध्यम से अपने लिए इच्छा मृत्यु देने की मांग उठाई है। पूर्व सैनिक ने चिट्ठी में कहा है कि उसका अफसरशाही से पूरी तरह विश्वास उठ चुका है। पूर्व सैनिक का कहना है कि वह पिछले 5 सालों से कैंसर से पीड़ित है और उसका ईलाज मोहाली के एक निजी अस्पताल से चल रहा है, जिसका भारी-भरकम खर्च उसे उठाना पड़ा है। उन्होंने बताया कि वह अब चलने फिरने में भी असमर्थ हो चुके हैं। इन परिस्थितियों के बीच अफसरशाही उन्हें और भी प्रताड़ित कर रही है।

अधिकारी नहीं दे रहे जबाव….

रविकांत ने कहा कि अफसरशाही की शिकायत 14 दिसंबर 2021 को मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस और 17 जनवरी 2022 को पीएमओ को भी कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सभी शिकायतों को पंजाब के जालंधर क्षेत्र कर्नल रैंक के एक अधिकारी को भेजा जा रहा है, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आ रहा।

रविकांत ने कहा कि पिछले वर्ष जुलाई में उनकी तबीयत अचानक खराब हो जाने के चलते उनकी धर्मपत्नी उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती करवाया था, जहां 4 दिन उन्हें रखे जाने के बाद डिस्चार्ज किया गया। इसके कुछ दिन के बाद फिर से तबीयत खराब होने के कारण दोबारा अस्पताल भर्ती हुए जिसके बाद उनका 28 जुलाई को ऑपरेशन किया गया। अस्पताल में भर्ती किए जाने और ऑपरेशन के दोनों बिल उन्होंने क्लेम किए थे, लेकिन इन दोनों बिलों को बार-बार ऑब्जेक्शन लगाकर वापस भेजा जा रहा है। अधिकारियों की तरफ से यह कहा गया कि आप इमरजेंसी में भर्ती होने का सर्टिफिकेट लेकर आईए।

रविकांत शर्मा ने इमरजेंसी में भर्ती होने का सर्टिफिकेट भी ईसीएचएस में जमा करवा दिया, लेकिन उसे रिजेक्ट करते हुए नए सिरे से सर्टिफिकेट बनाने की बात कही गई। रविकांत शर्मा ने कहा कि मैं जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा हूँ, लेकिन अधिकारी उन्हें बार-बार बिलों में उलझाए रख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2021 के बाद से अभी तक उन्हें किसी भी दवा का कोई भी क्लेम ईसीएचएस के माध्यम से नहीं मिला है। जबकि वर्तमान परिस्थितियों में उनकी दवाओं का खर्च प्रति माह 10 हज़ार रुपये है।

रविकांत शर्मा ने राष्ट्रपति से गुहार लगाई है कि वह या तो उनकी मदद करें या फिर उन्हें इच्छा मृत्यु देने की कृपा करें।