पूर्व सैनिकों ने दी गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि

मनीष ठाकुर। कुल्लू

चीन के द्वारा भारतीय सैनिकों के सहायक की गई बर्बरता के खिलाफ जहां पूरे भारत में आवाज उठ रही है वहीं पूर्व सैनिक भी अब चीन के विरोध में आ गए हैं। जिला कुल्लू के ढालपुर में स्थित सीएसडी कैंटीन में पूर्व सैनिकों ने मोमबत्ती जलाकर वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी वहीं उन्होंने प्रण लिया कि वह चीन को कमजोर करने के लिए चीनी वस्तुओं का भी बहिष्कार करेंगे।

कुल्लू के ढालपुर में पूर्व सैनिकों के द्वारा गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों के लिए श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सभी पूर्व सैनिकों ने मोमबत्ती जलाकर और फूल चढ़ाकर गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई। वहीं, चीन के प्रति भी काफी रोष जताया। एक्स सर्विसमैन लीग के चेयरमैन ब्रिगेडियर टीएस ठाकुर का कहना है कि चीन और भारत की सेना को कमजोर ना समझे 1962 के बाद अब यह साल 2020 है और भारतीय सेना पूरी तरह से हर मोर्चे पर लड़ने में पूरी तरह से सक्षम है।

ऐसे में चीन इस तरह की हरकतें करना बंद कर दें। ठाकुर का कहना है कि अगर मोर्चे पर सरकार को पूर्व सैनिकों की जरूरत पड़ती है, तो वह एक बार फिर से सीमा में जाकर चीन के साथ लड़ाई करने में भाग ले सकते हैं, ताकि देश की सेवा सेना का मनोबल बना रह सके। वहीं, रिटायर्ड ब्रिगेडियर टीएस ठाकुर का कहना है कि सभी पूर्व सैनिकों ने जहां शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। वहीं, अब यह निर्णय लिया गया है।

आगामी दिनों में पूर्व सैनिकों के परिवार चीनी वस्तुओं का पूरी तरह से विरोध करेंगे और सरकार से भी आग्रह किया जाएगा कि वह विदेशी वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाए और स्वदेशी वस्तुओं का प्रचार ज्यादा करें, ताकि स्वदेशी वस्तुएं खरीद कर भारत के आम नागरिक को मजबूत बनाया जा सके। गौर रहे कि चीन के विरोध में जहां आए दिन रोष प्रदर्शन किए जा रहे हैं। वहीं, पूर्व सैनिकों ने भी एक बार फिर से मोर्चे पर जाने की बात कही है। पूर्व सैनिकों का कहना है कि अगर सरकार उन्हें मौका देती है, तो वह चीन के साथ लड़ाई में अपना सहयोग दे सकते हैं।