सोलन में किसानों ने लगाए टमाटर, उगे कद्दू

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। साेलन

जिला सोलन को लाल सोने के नाम से जाना जाता है, लेकिन इस बार लाल सोलन टमाटर किसानों को रूला रहा है। दरअसल मामला यह है कि जिला सोलन में अधिकतर किसानों ने इस बार ट्रूजैनिक कंपनी के रॉकस्टार किस्म का बीज अपने खेतो में लगाया है, लेकिन इस बीज में टमाटर कद्दू की तरह लग रहे है। बिना शेप के टमाटरों से किसान हताश है। वहीं, मंडियों पर भी इसके रेट नहीं मिल रहा है। हालांकि कृषि विभाग अब हरकत में नजर आ गया है व सीड इंस्पेक्टर ने बीज के सैंपल लिए व कृषि विभाग की टीमें किसानों के खेत में जाकर वजह का पता लगाने में लगी है, लेकिन सवाल यह है कि इतने बड़े स्केल पर यह बीज बिक गया।

  • सोलन में टमाटर ने किसानों को किया हताश
  • राॅक स्टार बीज में खराबी के चलते नहीं बिक रहा टमाटर

उससे पहले कृषि विभाग व कृषि विभाग के सीड इंस्पेक्टर ने बीज की गुणवत्ता जांची या नहीं यदि जांच की होती, तो किसानों की साल भर की कमाई पर पानी ना फिरता। हमने जिला सोलन के विभिन्न क्षेत्रों के किसानों से बात की तो किसानों ने बताया कि उन्होंने राॅकस्टार किस्म का बीज लगाया, जिसमें टमाटर कद्दू की तरह बे ढेगे लग रहे है। जिससे उनकी साल भर की कमाई पर पानी फिर गया है मंडियों में टमाटर के रेट नहीं मिल रहे हैं। 30 से 35 रुपए प्रति करेट इस टमाटर के दाम मिल रहे हैं। इससे अधिक तो मंडी तक पहुंचने का भाड़ा ही लग जाता है।

उन्होंने सरकार से मांग की है कि संबंधित कंपनी पर कार्यवाही कर उन्हें नुकसान का मुआवजा दिलाया जाएग। कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ राजेश कौशिक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास किसानों के पास से शिकायतें आई है। वहीं, भारत से कृषि कॉल सेंटर से शिकायत मिली है, जिसके बाद उन्होंने कार्यवाही शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि रॉक स्टार किस्म के टमाटर के बीज में इस तरह की समस्या उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिक जांच कर रहे है कि किस तरह से यह समस्या उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि कम्पनी की लापरवाही पाए जाने पर उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

निश्चित तौर पर जिला सोलन के किसानों की आर्थिकी टमाटर पर टिकी होती थी, लेकिन इस बार जिन किसानों ने राॅक स्टार बीज लगाया उन्हे मायूसी छा रही है। संबंधित विभाग व सरकार को तुरंत संज्ञान लेते हुए संबंधित कॅपनी की गलती को पकड़ कर उचित कार्यवाही करनी होगी। वर्ना किसानों की आय दोगुना करने का वायदा हवा हवाई हो जाएगा।