किसानों ने समस्याओं को लेकर SDM को सौंपा ज्ञापन

सुरेंद्र जम्वाल। बिलासपुर

हिमाचल प्रदेश के लोगों की जन समस्याओं को लेकर हिमाचल किसान एवं जन कल्याण सभा हिमाचल प्रदेश की घुमारवीं इकाई ने सभा के प्रदेशाध्यक्ष बृज लाल शर्मा की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को घुमारवीं के एस. डी. एम. राजीव ठाकुर के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया।

जिससे मुख्य समस्याओं में आवारा पशुओं, जंगली जानवरों व बन्दरों के बारे में, बढती हुई महंगाई, बेरोजगारी के बारे में, किसानों की भूमि का बंदोबस्त व टेलाबन्दी करवाने के बारे में, टी.सी.पी. एक्ट जैसे कानून को ही ग्रामीण गांवो में किए गए लागू को तुरन्त वापिस ले, प्रत्येक वर्ष किसान अपनी फसल का बीमा करवाते है।

लेकिन जब किसी आपदा से व जंगली जानवरों द्वारा फसल तबाह होती है तो उन्हें बीमा की हुई फसल का कोई लाभ नहीं मिलता है। इसलिए यह प्रवाधान किया जाए कि इसमें जिस क्षेत्र मे और जिस किसान की फसल आपदा से जंगली जानवरों द्वारा तबाह की जाती है तो उसका आकलन करवा के किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए।

किसानों की फसल सुरक्षा के लिए बंदूक लाइसेंस की नवीकरण फीस 1600 रुपए की शीघ्र वापिस ले, बिजली उपभोगताओं से बिजली बिल के नाम पर अतिरिक्त वसूली व बार बार मीटर चार्ज को रोका जाए, हिमाचल में सीमेंट के दामो को घटाया जावे। क्योंकि दूसरे राज्यों में सीमेंट के दाम हिमाचल की अपेक्षा कम मिल रहे है।

शहरी क्षेत्र नगर पंचायत व परिषदों में कृषक वर्ग मूल निवासियों को गृह टैक्स में छूट करने बारे में, और मनरेगा में कार्यों में शामिल करने बारे एव ग्रामीण क्षेत्रों की तरह पेयजल के तहत जो नल लगे है उन्हें पानी मुफ्त दिया जावे। कृषि सम्बंधी एव खाद्य पदार्थों वाली वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स को हटाया जावे।

इन उपरोक्त समस्याओं को लेकर प्रदेश अध्यक्ष एव संघर्ष शील कर्मठ युवा किसान नेता बृज लाल शर्मा ने कहा कि किसानों की दशा इतनी दयनीय है कि जो किसान देश व प्रदेश में आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाते है। ना ही बेसहारा पशुओ का आज दिन तक कोई प्रबन्ध किया गया। जो किसानों की फसल को दिन प्रतिदिन उजाड़ने में कोई कसर नहीं रख रहे हैं और जान लेवा हमले कर रहे है।

कई लोगों को घायल और कई को मौत के घाट भी उतार भी दिया गया है। लेकिन अभी तक इन अवारा पशुओं का हल कोई नही निकला है। अगर इन आवारा पशुओं का हल शीघ्र नहीं किया गया तो बहुत बड़ा जन आंदोलन होगा। हैरान होने का पहलू है कि 22 बर्षो से घुमारवीं सिविल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की मशीन बन्द कमरे में पड़ी है। लेकिन किसी भी राजनैतिक पार्टी ने चाहे कोई भी हो।

इसे चलाने के लिये रेडियोलॉजिस्ट का प्रबंध नहीं किया गया। औऱ ना ही घुमारवीं हॉस्पिटल में विशेषज्ञ डॉक्टर है। आम जनता को निजि हॉस्पिटल में जाकर इलाज करवाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र केवल मात्र औपचारिकता ही रह गई है। किसानों की समस्याओं व बेरोजगारों युवाओं के बारे में कोई चर्चा नही। केवल अपने आऐशो आराम कर रहे है। जनता की कोई परवाह नही है। अगर उपरोक्त समस्याओं को सरकार ने शीघ्रता से हल नही किया गया तो बहुत बड़ा जन आंदोलन होगा।

इस अवसर पर सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राम प्रकाश वशिष्ठ, , सलाहकार सन्त राम कौंडल, सदस्यों अश्विनी कुमार, लेख राम शर्मा, सलाहकार दीनानाथ शर्मा, कानूनी सलाहकार देव राज राणा, हरि राम शर्मा, सभा के पदाधिकारियों में से ज्ञापन देते समय उपस्थित रहे।