घर में भाई और माता कोरोना पीडि़त, फिर भी कोरोना के खिलाफ जंग में डटी महिला चिकित्सक डॉ. चंद्रेश

उज्जवल हिमाचल । चंबा

भाई और माता कोरोना पीडि़त हैं और परिवार आइसोलेट हो गया है। बावजूद महिला चिकित्सक कोरोना के खिलाफ जंग में डटी है। डॉ. चंद्रेश ठाकुर यह मिसाल पेश कर रही हैं। दिन-रात टीम के साथ हिमाचल के चंबा-भरमौर मार्ग पर कोविड चेक पोस्ट दुर्गेठी में लोगों के कोरोना टेस्ट ले रही हैं।

चंद्रेश ठाकुर ने कहा कि उनके परिवार के दो सदस्य कोरोना संक्रमित हो गए हैं। देर रात को समय मिलने पर वह फोन के जरिए ही अपनों का हालचाल जान पा रही हैं। सुबह से देर शाम तक कोविड सैंपल लेने पड़ रहे हैं।

चंद्रेश ठाकुर कोविड की दूसरी लहर के दौरान अपने घर तक नहीं गई हैं और न ही परिवार को बताया है कि उनकी ड्यूटी कोरोना सैंपल लेने के लिए चैकपोस्ट पर लगी हुई है। चंद्रेश ठाकुर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत नियुक्त हैं।

डॉ. चंद्रेश के अनुसार चेक पोस्ट पर मुसाफिरों का कोरोना टेस्ट करना आसान काम नहीं हैं। लोग अपनी मर्जी से टेस्ट करवाने के लिए कभी राजी नहीं होते हैं। चंद्रेश ठाकुर ग्राम पंचायत सुनारा के गांव सुनारा की रहने वाली हैं। उनके छोटे भाई कनिष्ठ अभियंता के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि पहले उनके भाई संक्रमित आए थे। इसके बाद उनकी माता भी संक्रमित हो गईं।