राजद के मार्च के दौरान पटना में जमकर हुआ उपद्रव

उज्जवल हिमाचल। पटना

बिहार विधानसभा के घेराव के लिए गांधी मैदान के पास जेपी गोलंबर से निकले राजद के मार्च के दौरान पटना में जमकर उपद्रव हुआ है। कोरोना को देखते हुए प्रशासन की मनाही के बावजूद राजद नेता काफी संख्‍या में जेपी गोलंबर के पास इकट्ठा हुए और वहां से विधानसभा के लिए रवाना हो गए। राजद कार्यकर्ताओं ने जेपी गोलंबर के पास प्रशासन की ओर से लगाई गई बैरिकेडिंग को तोड़ दिया। इसके बाद डाकबंगला चौराहे पर राजद कार्यकर्ताओं और प्रशासन के बीच जबर्दस्‍त झड़प हुई, जिसमें दोनों ओर से कम से कम दो दर्जन लोग बुरी तरह घायल हो गए हैं।

अब प्रशासन तेजस्‍वी यादव और तेज प्रताप यादव को हिरासत में लेकर डाकबंगला चौराहे से कहीं और ले जाने की तैयारी में है, लेकिन राजद कार्यकर्ता पुलिस की गाड़ी को आगे नहीं बढ़ने दे रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव के ऐलान पर राजद की ओर से बिहार विधानसभा के घेराव को लेकर पटना की सड़कों पर स्‍थि‍ति तनावपूर्ण है। राजद कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने पुलिस के साथ मीडिया पर भी हमला किया है।

इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्‍तेमाल कर स्थिति को संभालने की कोशिश की। बेरोजगारी, अपराध, महंगाई एवं अशिक्षा के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद की ओर से मंगलवार को विधानसभा का घेराव किया जाना है। असम की चुनावी यात्रा से खासतौर पर इस आंदोलन के लिए तेजस्वी खुद पटना लौटे हैं। युवा राजद के प्रदेश प्रवक्ता अरुण कुमार यादव ने दावा किया है कि घेराव कार्यक्रम में बड़ी तादाद में कार्यकर्ता एवं आम लोग शिरकत कर रहे हैं।

युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष मो. कारी सोहैब के नेतृत्व में सारी तैयारी की गई है। घेराव कार्यक्रम पटना के गांधी मैदान स्थित जेपी गोलंबर से सुबह 10 बजे से शुरू हो चुका है। जत्था विधानसभा की ओर प्रस्थान कर चुका है। राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने घेराव को इतिहास से जोड़ा है। उन्होंने कहा कि महंगाई और तानाशाही के मुद्दे पर 18 मार्च, 1974 को बिहार के छात्रों ने लालू प्रसाद के नेतृत्व में विधानसभा का घेराव किया था।

47 वर्ष बाद तेजस्वी यादव के नेतृत्व में फिर वही आक्रोश है। राजद ने सरकार पर जनविरोधी होने का आरोप लगाया है। राजद के प्रदेश महासचिव विनोद यादव ने कहा है कि राजधानी के विभिन्न क्षेत्राें में युवा राजद द्वारा लगाए गए सैकड़ों हाेर्डिंग्ज व पोस्टर को नीतीश कुमार के इशारे पर नगर निगम प्रशासन ने हटा दिया है। सरकार की यह जनविरोधी नीति है। विधानसभा घेराव के ऐलान से सरकार डर गई है।