रंजीत सिंह हत्‍याकांड में पांच दाेषियों को सजा आज, कोर्ट में सुनवाई जारी

उज्जवल हिमाचल। पंचकूला

डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के लिए आज का दिन बहुत भारी हो सकता है। पंचकूला की विशेष अदालत आज रंजीत सिंह हत्‍याकांड में सजा सुनाएगी। सजा को लेकर बहस अदालत में शुरू हो गई है। गुरमीत राम रहीम को छोड़कर अन्‍य दोषियों की कोर्ट में पेशी हो रही है। गुरमीत राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल से वीडियो कान्‍फ्रेंसिंग के जरिये पेश होगा। दो‍षियों को विशेष अदालत तक बेहद कड़ी सुरक्षा के बीच अंबाला सेंट्रल जेल से लाया गया है। बता दें कि पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की दस जुलाई, 2002 में गोली मारकर हत्या की गई थी।

पंचकूला में सीबीआई की विशेष अदालत ने बीते आठ अक्तूबर को गुरमीत सिंह सहित तत्कालीन डेरा प्रबंधक कृष्ण लाल, अवतार सिंह, जसबीर और सबदिल को दोषी करार दिया था। सजा का फैसला 12 अक्तूबर को होनी थी, लेकिन अदालत ने इसे 18 अक्तूबर तक फैसला सुरक्षित रख लिया था। चार दोषियों को कोर्ट में किया गया पेश, गुरमीत राम रहीम की वीडियो कान्‍फ्रेंसिंग से पेशी। अदालत ने इससे पहले गुरमीत राम रहीम सिंह सहित पांच लोगों को दोषी करार दिया था। गुरमीत राम रहीम अभी दो मामलों में रोहतक की सुना‍रिया जेल में सजा काट रहा है।

अब सबकी नजर इस मामले में उसे सुनाई जानेवाली सजा पर है। उसे अदालत फांसी, उम्रकैद या कोई अन्‍य सजा सुनाएगी इसको लेकर चर्चाएं गर्म हैं। दूसरी ओर, अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के मद्देनजर पंचकूला के कोर्ट परिसर और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। शहर में धारा 144 लागू कर दिया गया है। कोर्ट परिसर व इसके आसपास वाहनों की गहन चेकिंग हो रही है। उधर रोहतक में सुनारिया जेल के आसपास भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इस जेल में ही गुरमीत राम रहीम दो मामलों में सजा काट रहा है।

सजा सुनाए जाने से पहले इसे लेकर अदालत में फिर बहस होगी। डेरा सच्‍चा सौदा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में अदालत में बचाव पक्ष की ओर से एक बार फिर दलीलें दी जाएंगी। पंचकूला स्थित विशेष सीबीआइ अदालत में कुछ देर बाद सुनवाई शुरु हो जाएगी। आज इस मामले में फैसला आने की पूरी संभावना है, क्योंकि सीबीआइ की ओर से 12 अक्टूबर को सजा के लिए अपना पक्ष रखा जा चुका है। पिछली सुनवाई में राम रहीम ने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कम से कम सजा की गुहार लगाई थी। राम रहीम ने 8 पेजों की दलील दी थी, जिसमें उसने कहा है कि मुझे ब्लड प्रेशर, पथरी और आंखों से देखने में दिक्कत है।

साथ ही राम रहीम ने दलील दी है कि डेरा की ओर सैंकड़ों सामाजिक कार्य किए गए हैं, जिसमें प्रमुख तौर पर आंखों के चैकअप कैंप, वृक्षारोपण, रक्तदान शिविर, भूकंप के समय हजारों लोगों की मदद की गई, राहत सामग्री भेजी गई। गुरमीत राम रहीम द्वारा हिंदी में अपनी स्टेटमेंट भेजी गई थी, जिसका कोर्ट में इंग्लिश ट्रांसलेशन करवाकर उसे वापस सुनारिया जेल भेजा गया था, जहां से उसके हस्ताक्षर कराए गए थे। 10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रंजीत सिंह की हत्‍या हुई थी। डेरा प्रबंधन को शक था कि रंजीत ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी।

10 जुलाई को रंजीत सिंह अपने खानपुर कोलियां में अपने पिता को खेतों में चाय देकर लौट रहा था, तो बाइक सवार दो आरोपितों ने उसकी गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद आरोपित सबदिल और जसवीर की शिनाख्त हो गई थी। पुलिस जांच से असंतुष्ट रंजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। मामले में तीन गवाह महत्वपूर्ण थे। इनमें दो चश्मदीद सुखदेव सिंह और जोगिंद्र सिंह हैं, जिन्होंने अभियुक्तों को रंजीत सिंह पर गोली चलाते हुए देखा था।

तीसरा गवाह गुरमीत राम रहीम का ड्राइवर खट्टा सिंह था, जिसके सामने रंजीत को मारने के लिए कहा गया था। आरोप है कि रंजीत सिंह हत्या में डेरा सच्चा सौदा के पांच सदस्य अवतार, इंदर सैनी, कृष्ण लाल, जसबीर सिंह और सबदिल सिंह ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के कहने पर रंजीत सिंह की हत्या की साजिश रची थी। 31 जुलाई 2007 को साध्वी यौन शोषण, रंजीत सिंह हत्या और रामचंद्र छत्रपति हत्या केस में सीबीआइ कोर्ट में चालान पेश हो गए थे। अब राम रहीम साध्वी यौन शोषण मामले और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या केस में सुनारिया जेल में बंद है।