राठौर के आरोपों पर बचाव पक्ष में उरते भाजपा के चार प्रवक्ता

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। शिमला

 

भाजपा प्रवक्ता विनोद ठाकुर, बलदेव तोमर, शशि दत्त एवं उमेश दत्त ने कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर के लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए कहा कि कांग्रेस को झूठ बोलने की आदत है।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 संकटकाल में कांग्रेस धरातल से गायब थी और केवल अपने एयर कंडीशन ऑफिस या ड्राइंग रूम से पार्टी को चला रही थी। भाजपा नेताओं ने कहा कि यह जनता जानती है कि भाजपा के विधायक और मंत्री अस्पतालों के अंदर निरीक्षण के लिए गए उस समय कांग्रेस का योगदान शून्य था। कांग्रेस तो यू-टर्न संगठन बनकर रह गया है पहले उनके नेता सरकार को सुझाव देते हैं और जब उनके सुझाव मान लिए जाते हैं तो उन्हीं सुझावों की कांग्रेस द्वारा निंदा की जाती है।

भाजपा नेताओं ने कहा कि सरकार द्वारा रोस्टर में किसी भी प्रकार की धांधली नहीं की गई है रोस्टर 100% पारदर्शी है। उन्होंने कहा कि बार-बार कुलदीप राठौर अपने संगठन को चुस्त दुरुस्त करने की बात करते हैं 3 साल हो गए हैं संगठन तो जैसे का तैसा ही है।

भाजपा नेताओं ने कहा कि प्रदेश विश्वविद्यालय में जो नियुक्तियां चल रही है उसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं है अगर कांग्रेस के नेताओं को लगता है कि कोई नियम तोड़े गए हैं तो वह कोर्ट में इनको चुनौती क्यों नहीं देते। कांग्रेस के नेता केवल आरोप लगाकर अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं।
कोविड-19 संकटकाल में भी जयराम सरकार ने नौकरियों का पिटारा खोला है इसका मतलब साफ है कि हिमाचल सरकार बेरोजगारी के खिलाफ एक जंग लड़ रही है।

प्रदेश विश्वविद्यालय में सभी नियमों का उचित पालन किया गया है और यूजीसी का गाइडलाइंस का भी पालन किया गया है। उन्होंने कहा कि जिन विभागों की बात कांग्रेस नेता कुलदीप राठौर कर रहे हैं उनकी समितियां भी नियम अनुसार बनाई गई है । कांग्रेस नेताओं को अपने तथ्य ठीक कर लेनी चाहिए।
कांग्रेस के लगाए सभी आरोप आधारहीन है। कुलपति निष्पक्ष तरीके से कार्य कर रहे हैं, विश्वविद्यालय विकास और बेहतरी के एजेंडा से काम कर रहा है जो कांग्रेस नेताओं को रास नहीं आ रहा है।

कांग्रेस हमेशा प्रतिशोध की राजनीति करती है पर बीजेपी सबका साथ सबका विकास के विचार को लेकर आगे बढ़ती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता अपनी सरकारों में किए गए काले कारनामों को छुपाने की लगातार कोशिश करती है। आज विश्वविद्यालय को लेकर किसी भी प्रकार की जांच होगी तो उसमें एक भी अनियमितता नहीं पाई जाएगी।