नहीं रहे स्वतंत्रता सेनानी मान सिंह

चमेल सिंह देसाईक। शिलाई

स्वतंत्रता सेनानी मान सिंह का निधन हो गया है मान सिंह लंबी बीमारी से अस्वस्थ चल रहे थे। 95 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी की मृत्यु के बाद क्षेत्र में शोक की लहर है। विकास खंड की ग्राम पंचायत बकरास (पैत्रिक गांव) में हिन्दू रीती-रिवाजों के साथ मान सिंह का दाहसंस्कार किया गया है। क्षेत्र को खुद के दम पर नई उर्जा के साथ विकास की राह दिखाने वाले मसिया क्षेत्र के बीच नहीं रहे। स्वतंत्रता सेनानी मान सिंह उन शक्सियतों में शुमार है।

जिन्होंने आजादी की लड़ाई के लिए कई बार अंग्रेजों के कोड़े अपनी पीठ पर सहे तथा कई बार जेल गए हैं, जब गिरिखंड क्षेत्र में बिजली बल्ब नहीं जलता था, तब मान सिंह ने क्षेत्र के युवाओं को दिल्ली के सपने दिखाए थे दरियादिल इनसान होने के नाते पूर्व मुख्यमंत्री व हिमाचल निर्माता यशवंत सिंह परमार सहित पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी भी इनकी कार्यकारणी से खूब प्रभावित रहे तथा इनके बेहद करीबी माने जाते थे।

कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता राजीव, रामलाल, वीरभद्र सिंह, जेसे नेताओं से अब्बल रहकर पार्टी के साथ भी इन्होंने बड़ी मजबूती के साथ कार्य किया है। इनका हिमाचल निर्माण के समय स्वर्गीय यशवंत सिंह परमार के साथ अहम योगदान रहा है। स्वतंत्रता सेनानी मान सिंह, जहां क्षेत्र की युवा पीड़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत रहे हैं। वहीं, क्षेत्र के विकास को उज्जवल राह लाने के लिए विभिन्न सरकारों में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

सवतंत्रता सेनानी मान सिंह 1995 से 2000 तक स्थानीय पंचायत प्रधान रहे हैं। इनके कार्यकाल में पंचायत ही नहीं, बल्कि समूचे जैलभोज क्षेत्र में विकासत्मक योजनाओं की नींव रखी गई, जिनमें आज भी कई स्कीमे मोका पर चल रही है। बकरास पंचायत के अंदर १९६८ में स्कूल खुलवाने में अहम योगदान रहा। प्राथमिक चिकित्सक केंद्र सहित जैलभोज क्षेत्र की भाग्य रेखा टिम्बी-बकरास लिंक मार्ग को बनाने में क्षेत्र वासियों के लिए बड़ा योगदान रहा है।