बिना भक्तों के सज गए गणेशोत्सव के पंडाल

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर
हिमाचल प्रदेश सहित मंडी जिला में भी कोविड-19 के चलते गणेशोत्सव का रंग भी फीका ही है। जिला मंडी में कोरोना संकट के कारण ज्यादातर गणेशोत्सव कमेटियों घर पर ही गणेश भगवान की विशालकाय मूर्तियों की जगह छोटी मूर्तियों को स्थापित कर सूक्ष्म रूप से पूजा की जा रही है। हर वर्ष हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला गणेश उत्सव भी इस बार कोरोना की भेंट चढ़ गया है। समूचे जिला में विघ्रहर्ता गणेश इस बार मंदिरों से निकलकर लोगों के घरों में ही स्थापित हुए। ऐसे में मंदिरों में रहने वाली गणेश उत्सव की धूम इस बार फीकी ही रहेगी। न तो मंदिरों में गणपति बप्पा मोरेया की गुंज सुनाइ देगी और न ही लाऊउ स्पीकरों पर गणपति बप्पा के भजन। शहर के कुछ लोगों ने गणेश चतुर्थी की इस परंपरा का निवर्हन करने के लिए अपने घरों में ही गणेश जी विराजमान कर दिए हैं। इन लोगों द्वारा निर्णय लिया गया कि इस बार गणेश चतुर्थी के बाद पहली सितंबर को सादे समारोह का आयोजन कर गणेश विसर्जन के दौरान महज पांच से छह की संख्या में लोग एकत्रित कर किया जाएगा। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सरकार के निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा ताकि आपस में शारीरिक दूरी भी बनी रहे।
गणपति बप्पा मोरिया कमेटी भोजपुर के मार्गदर्शक रवि शंकर ने कहा कि कमेटी पिछले 18 वर्षों से सार्वजनिक गणेश उत्सव का आयोजन करती आई है। लेकिन इस वर्ष कोविड-19 के खतरे को लेकर कमेटी द्वारा घर पर ही गणेश भगवान की मूर्ति को स्थापित किया गया है। इस दौरान सोशल डिसटेसिंग का पूरा ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि 1 सितंबर को सादगी के साथ कमेटी के 5-7 सदस्यों द्वारा विधिवत तौर पर गणेश विसर्जन किया जाएगा। विसर्जन के समय लोगों को आने का कोई न्योता नहीं दिया गया है।
गोपाल मंदिर कमेटी के प्रधान दुर्गा दास शर्मा ने कहा कि कोराना महामारी के कारण इस वर्ष गणेशोत्सव नहीं मनाया जा रहा है। हर वर्ष गणेश उत्सव पर भजन संध्या आदि का धूमधाम से आयोजन किया जाता था। इस वर्ष मंदिरों में छोटी मूर्तियां स्थापित की गई हैं और अन्य सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं।
गणपति मंदिर के पुजारी बालेश शर्मा ने कहा कि गणेशोत्सव को पिछले 20 वर्षों से प्रतिवर्ष धूमधाम से मनाया जाता था। लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते सभी मंदिर बंद पड़े हुए हैं। लोग घरों में ही गणपति बप्पा की मूर्तियों को विराजमान कर सूक्ष्म रूप से पूजा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी लोग सुख एवं समृद्धि की कामना कर इस वर्ष घरों में ही मनाया जा रहा है।