टमाटर, शिमला मिर्च के बाद लहसुन की फसल बनी सोलन के किसानों की पसंद

अमरप्रीत सिंह पुंज । सोलन

जिला सोलन के किसानों के लोग टमाटर शिमला मिर्च की फसलों पर आश्रित रहते थे व यह यहां के किसानों की नकदी फसल आई है। लेकिन कोरोना काल में जिला के किसानों की इन फसलों के बाद लहसुन नकदी फसल बन गई है। जिसका बड़ा कारण इसमें कीटनाशकों का खर्चा कम है तो वहीं मेहनत भी कम लगती है।

बीते कुछ वर्षों में किसानो इसके दाम भी बेहतर मिले यही कारण है।  कि वर्ष जिला सोलन में पहले की तुलना में कई गुणा अधिक लहसुन लगे है। पहले कृषि विभाग 10 से 11 क्विंटल बीज ही किसानों को उपदान पर देता था लेकिन इस मर्तबा 130 क्विंटल बीज कृषि विभाग ने किसानो को उपदान पर मुहैया करवाया है। जो कि कई गुना अधिक है।

जिला कृषि अधिकारी सीमा कंसल ने बताया कि लहसुन की और जिला सोलन के किसानों का रुझान बढ़ने लगा है इस से पूर्व दस से 11 क्विंटल लहसुन का बीज बिकता था लेकिन  इस बार उन्होंने 130 क्विंटल लहसुन किसानों को दिया है।

उन्होंने कहा कि लहसुन की मेडिसिन वैल्यू अत्यधिक है। व सोलन व सिरमौर के लहसुन के बेहतर दाम मिल रहे है। उन्होंने कहा कि इसमें कीटनाशकों का खर्चा भी बेहद कम है। ये ही कारण है। कि अब लहसुन की और किसान बढ रहे है।

वहीं किसानों ने बताया कि टमाटर शिमला मिर्च में मेहनत के साथ साथ कीटनाशकों पर भी ज्यादा खर्चा होता है। जो कि लहसुन में नगन्य  है। ये ही कारण है। कि अब लहसुन के बीते दो तीन वर्षों से बेहतर दाम मिलने के बाद उन्होंने लहसुन को अपनी नकदी फसल बना लिया है।