सरकार बेसहारा पशुओं के सरक्षंण के लिए प्रतिबद्ध : वीरेंद्र कंवर

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस डेयरी, किसानों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। शिमला

सरकार ने गौ सेवा आयोग तो बना दिया है, लेकिन प्रदेश की सड़कों पर बेबस, बेसहारा घूमते गौ माता व नंदी की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। बेसहारा पशुओं को आश्रय देने और गाैसदनों के रखरखाव के लिए राज्य सरकार शराब की हर बोतल पर अब डेढ़ रुपए सेस भी वसूल रही है। हालांकि पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर का कहना है कि जयराम की सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है और शीघ्र ही प्रदेश की सड़कों से इन आवारा पशुओं को हटाकर गौशाला में पहुंचा दिया जाएगा। इसके लिए सरकार कई परियोजनाओ पर काम कर रही है। वीरेंद्र कंवर ने बताया कि जयराम सरकार जब से सत्ता में आई है, वह गौ संरक्षण के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं।

इसके लिए सबसे पहले गौसेवा आयोग बनाया गया। प्रदेश के हर जिला के अंदर बड़ी गौशालाओं का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश के सोलन, सिरमोर जिलों में गौशालाएं बनाई गई, जिससे सड़को पर अब आवारा पशुओं की संख्या कम हुई है। इसके अलावा एनजीओ के द्वारा चलाई जा रही। गौशालाओं को आर्थिक मदद भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य जिलों को भी बेसहारा पशुओं से मुक्त कराया जाएगा। कंवर ने कहा कि उना में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस डेयरी का बनाई जा रही है। इससे अच्छी नस्ल के गायों का पालन किया जा सके। उन्होंने कहा कि किसानों को अच्छी नस्ल के पशुओं के पालन का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे उन्हें पशुपालन में मदद मिलेगी और दूध के उत्पादन में भी
वृद्धि होगी।