कंपनियाें पर नहीं सरकार का कोई नियंत्रण : किसान संगठन

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। शिमला

विभिन्न किसान संगठनों के संयुक्त किसान मंच ने आज बैठक रोहड़ू में आयोजित की गई। इस बैठक में रोहड़ू क्षेत्र के किसानों व बागबानों के 8 संगठनों, जिसमें हिमालयन सोसायटी फ़ॉर डेवलोपमेन्ट ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड एग्रीकल्चर, पीजीए, फल उत्पादक संघ रोहड़ू, छवारा वैली एप्पल ग्रोवर एसोसिएशन, हिमाचल किसान सभा, नावर वैली ग्रोवर्स एसोसिएशन, मंढोल सारी ग्रोवर्स एसोसिएशन, बुशहर ग्रोवर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिसमें संयुक्त किसान मंच के हरीश चौहान, संजय चौहान इनके साथ भगत सिंह ठाकुर, जयसिंह जेहटा, संजीव ठाकुर, सुखदेव चौहान, डिम्पल पांजटा, संजीव ठाकुर, सूंदर नैन्टा, बिहारी लाल, गोपाल चौहान, विभोर सिंह चौहान, भगवान सिंह के साथ ही इनके संगठन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इसमें संयुक्त किसान मंच की 20 सदस्यीय क्षेत्रीय कमेटी का गठन किया गया। इसमें संयोजक सुखदेव चौहान व सह संयोजक संजीव ठाकुर को चुना गया। इनके अतिरिक्त डिंपल पांजटा, सुंदर नैंटा, गोपाल चौहान, भगत सिंह ठाकुर, बिहारी लाल चौहान, भगवान सिंह , विभोर सिंह, गोपाल चौहान, प्रेम रमतयान, रितेश कुमार, रवि रावत, वीर सिंह ठाकुर, सुशील चौहान, सुधीर कपटा, राजन हारटा, कुलदीप तेगटा, शमशेर सिंह, को सदस्य चुना गया।आम सहमति से इस बैठक में निर्णय लिया गया मंच 13 सिंतबर, 2021 को किसान रोहड़ू व कि चड़गांव में प्रदर्शन किया जाएगा।

इस बैठक में चर्चा करते हुए कहा कि आज कृषि खास रूप में सेब की खेती गंभीर संकट आ गया है। आज सरकार द्वारा बागबानी में दी जा रही सबसिडी बंद कर दी गई है। इससे सेब की खेती की लागत बहुत अधिक बढ़ गई है। मौसम की मार से भी कृषि व सेब की खेती पर असर पड़ रहा है। एक ओर लागत निरंतर बढ़ रही है। वहीं, उत्पादन व उत्पादकता घट रही है। इसके साथ सरकार व APMC की लचर कार्यप्रणाली से किसानों का मंडियों में शोषण किया जा रहा है। आज मंडियों में गैर कानूनी रूप से कारोबार किया जा रहा है। APMC कानून, 2005 के अनुसार जिस दिन मंडी में किसान का उत्पाद बिकेगा, उसी दिन उसका भुगतान किया जाएगा, परंतु न तो अदानी और न ही मंडियों में भुगतान कानून के अनुसार हो रहा है।

लेबर, छूट, गड, बैंक ड्राफ्ट/बैंक चार्ज आदि गैर कानूनी कटौती की जा रही है। एक ओर सरकार बागवानों से बात नहीं कर रही है। दूसरी ओर सरकार के मंत्री मंडियों में आढ़तियों और लदानीयों से मिल रहे हैं। हाल ही में सरकार के मंत्रियों के द्वारा लगातार फल मंडियों के दौरे करने के बावजूद भी गैर कानूनी कारोबार जारी है। इससे सरकार की अदानी जैसी कंपनियों व आढ़तियों व लदानी के साथ गठजोड़ स्पष्ट होता है। 3 सिंतबर, 2021 को बागबानी मंत्री ने ठियोग में किसानों को आश्वासन दिया था कि सरकार APMC कानून, 2005 को मंडियों में सख्ती से लागू करेगी, कंपनियों को उनके CA स्टोर में कम से कम 20 प्रतिशत किसानों को उनका सेब रखने के आदेश जारी किए जाएंगे और संयुक्त किसान मंच से सरकार तुरंत बात कर इनकी मांगों पर अमल के लिए सकारात्मक कदम उठाएगी, परंतु बागवानी मंत्री द्वारा मानी मांगों पर आज तक कोई भी अमल नहीं किया गया है।

इससे बागबानी मंत्री व सरकार की मंशा पर सवालिया निशान उठता है। किसानों ने बैठक में चर्चा कर कहा कि बागबानी मंत्री अपना उत्तरदायित्व नहीं निभा पा रहे हैं, ऐसे मंत्री को पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। आज सरकार अदानी व अन्य कंपनियों के दबाव में काम कर रही है। गत वर्ष जो अदानी का रेट 88 रुपए प्रति किलो था, वह इस वर्ष घटा कर 72 रुपए प्रति किलो कर दिया है, जबकि इस वर्ष खाद, फफूंदीनाशक, कीटनाशक व अन्य लागत वस्तओं की कीमतों में भारी वृद्धि के बावजूद इस वर्ष अदानी ने करीब 17 प्रतिशत की कटौती की गई है। आज ये कंपनियां रेट अपनी मर्जी से तय करती है। इस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, जिससे किसानों का शोषण बड़े पैमाने पर हो रहा है।

यह है संयुक्त किसान मंच की मांगें

  • प्रदेश में अदानी व अन्य कंपनियों तथा मंडियों में किसानों के शोषण पर रोक लगाए व हिमाचल प्रदेश में भी कश्मीर की तर्ज पर मंडी मध्यस्थता योजना(MIS) पूर्ण रूप से लागू की जाए तथा सेब के लिए मंडी मध्यस्थता योजना(MIS) के तहत A, B व C ग्रेड के सेब के लिए क्रमशः 60 रुपए, 44 रुपए व 24 रुपए प्रति किलो समर्थन मूल्य पर खरीद की जाए।
  • प्रदेश की विपणन मंडियों में एपीएमसी कानून को सख्ती से लागू किया जाए। मंडियों में खुली बोली लगाई जाए व किसान से गैर कानूनी रूप से की जा रही मनमानी वसूली, जिसमें मनमाने लेबर चार्ज, छूट, बैंक डीडी व अन्य चार्जिज को तुरंत समाप्त किया जाए। जिन किसानों भी से यह वसूली की गई है, उन्हें इसे वापस किया जाए।
  • किसानों के आढ़तियों व खरीददारो के पास बकाया पैसों का भुगतान तुरंत करवाया जाए तथा मंडियों में एपीएमसी कानून के प्रावधानों के तहत किसानों को जिस दिन उनका उत्पाद बिके उसी दिन उनका भुगतान सुनिश्चित किया जाए। जिन खरीददार व आढ़तियों ने बकाया भुगतान नहीं किया है, उनके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए।
  • अदानी व अन्य कंपनियों के CA स्टोर में इसके निर्माण के समय शर्तों के अनुसार बागबानों को 25 प्रतिशत सेब रखने के प्रावधान को तुरंत सख्ती से लागू किया जाए।
  • सेब व अन्य फलों, फूलों व सब्जियों की पैकेजिंग में इस्तेमाल किए जा रहे कार्टन व ट्रे की कीमतों में की गई भारी वृद्धि वापस की जाए।
  • प्रदेश में भारी ओलावृष्टि व वर्षा, असामयिक बर्फबारी, सूखा व अन्य प्राकृतिक आपदाओं से किसानों व बागवानों को हुए नुकसान का सरकार मुआवजा प्रदान राहत प्रदान करें।
  • बढ़ती महंगाई पर रोक लगाई जाए तथा मालभाड़े में की गई वृद्धि वापस ली जाए।
  • प्रदेश की सभी मंडियों में सेब व अन्य फसले वजन के हिसाब से बेची जाए।
  • HPMC व Himfed द्वारा गत वर्षों में लिए गए सेब का भुगतान तुरंत किया जाए।
  • खाद, बीज, कीटनाशक, फफूंदीनाशक व अन्य लागत वस्तुओं पर दी जा रही सबसिडी को पुनः
  • बहाल किया जाए और सरकार कृषि व बागबानी विभागों के माध्यम से किसानों को उचित गुणवत्ता वाली लागत वस्तुएं सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाए।
  • कृषि व बागबानी के लिए प्रयोग में आने वाले उपकरणों स्प्रेयर, टिलर व एंटी हेल नेट आदि की बकाया सबसिडी तुरंत प्रदान की जाए।
  • बैठक में तय किया गया सरकार इन मांगों पर तुरंत स्वीकार कर किसानों को राहत प्रदान करें।