स्कूलों को मर्ज करने की बजाए घर से बच्चों को लाने का प्रबंध करे सरकार

उज्जवल हिमाचल। फतेहपुर

एक तरफ जहां तत्कालीन समय की सरकारों से लेकर मौजूदा सरकार तक स्कूलों के निर्माण पर करोड़ों रुपए खर्च किए हुए हैं, तो वहीं, कम संख्या वाले स्कूलों को दूसरे स्कूलों में मर्ज करने की योजना भी सरकारों द्वारा बनाई व धरातल पर उतरी जाती रही है, जिस कारण जहां लाखों रुपए खर्च कर बने हुए आलीशान स्कूली भवन बीरान हो जाते हैं।

इससे बेहतर होता कि बच्चों को घर द्बार से स्कूल पहुचाने का प्रबंध सरकार द्बारा किया जाता। अभिभावकों ने सरकार व शिक्षा विभाग से गुहार लगाई है कि छोटे बच्चों को घर से स्कूल तक लाने के लिए स्कूल में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाए, ताकि अभिभावक भी निश्चियन्त होकर बच्चों को स्कूल भेज पाएं।

उन्हाेंने कहा कि ऐसा करने से स्कूलों में बच्चों की इनरोलमेंट भी बढ़ेगी। वहीं, सकेंडरी स्तर के बच्चों के लिए विभाग को वाहन की सुविधा मुहैया करवानी चाहिए, ताकि दूरदराज क्षेत्र के बच्चे भी सरकारी स्कूलों में तैनात प्रशिक्षित अध्यापकों से शिक्षा ग्रहण कर सकें।