शिक्षक संवर्ग में आरक्षण विधेयक, 2019 लागू करे सरकार

एस के शर्मा। हमीरपुर

संसद द्वारा पारित केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) विधेयक, 2019 प्रदेश में लागू किया जाए और शिक्षण संस्थानों में रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए । केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में 7000 से अधिक रिक्तियों पर सीधी भर्ती शुरू की जाए तथा सरकारी शैक्षणिक संस्थानों (केंद्रीय और राज्यद) में अध्यापक संवर्ग के लगभग 3 लाख रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया अविलंब गतिमान की जाए। इसके अलावा भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों की तर्ज़ पर शैक्षिक संस्थानों में कोर्स प्रवेश व विभिन्न नौकरियों में शिक्षकों के आश्रितों को नौकरी देने क्षैतिज आरक्षण हेतु भी विधिसंगत विचार-विमर्श किया जाए क्योंकि शिक्षक समाज आजीवन शिक्षा क्षेत्र में सेवाएँ देते हैं ।

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यह मांग हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल, उपाध्यक्ष मदन, प्रदेश महासचिव विजय हीर, स्टेट प्रतिनिधि संजय ठाकुर, देश राज, संघ प्रचारक ओम प्रकाश, प्रेस सचिव पवन रांगड़ा, जिला इकाईयों के प्रधान विजय बरवाल, संजय चौधरी, रविन्द्र गुलेरिया, राकेश चौधरी, डॉ0 सुनील दत्त, नीरज भारद्वाज, रिग्ज़िन सैंडप, शेर सिंह एपुष्पराज खिमटा, रामकृष्ण, अमित छाबड़ा, देशराज शर्मा ने प्रदेश सरकार से की है । संघ के अनुसार पंजाब, दिल्ली और अनेकों राज्यों में विभिन्न विश्वविद्यालयों में अपने शिक्षकों के आश्रितों हेतु तीन प्रतिशत आरक्षण विभिन्न कोर्सों में देने का प्रावधान है । सुप्रीम कोर्ट ने भी असम सरकार बनाम डॉ0 पंकज लेखर मामले में स्पष्ट किया था कि शिक्षक कोटा प्रदेश स्तर पर तय करने में कोई बुराई नहीं है ।

अर्जित अवकाश नगदीकरण सीमा 400 करे सरकार

राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ महासचिव विजय हीर ने कहा कि अर्जित अवकाश की संख्या 300 से बढ़ाकर 400 की जानी चाहिए ताकि मेडिकल और विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति हेतु शिक्षक इनका प्रयोग कर सकें । प्रदेश में केंद्रीय नियावामली 1997 लागू है और 24 साल से यह संशोधित नहीं की गई है । केवल 300 अर्जित अवकाश ही नगदीकरण हेतु मान्य हैं । ऐसे में 300 से अधिक अवकाश कर्मचारी काट लेते हैं । कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति बढ़ाने हेतु यह कदम उठाना आवश्यक है जबकि एलटीसी के लाभ भी कर्मचारियों को समय पर मिलने चाहिए ।