नशे काे लेकर सरकार ने दिखाई गंभीरता, तीसा पहुंचा नारकोटिक्स दल

शैलेश शर्मा। चंबा

प्रदेश में नशे का बोलबाला बढ़ता ही जा रहा है और नशे को जड़ से कैसे समाप्त किया जाए। इसके लिए प्रदेश सरकार ने गंभीरता से कदम उठाने शुरू कर दिया है। ऐसी कड़ी में एक नारकोटिक्स दल और प्रमुख ओपी शर्मा की अगवाई में राजधानी शिमला से चंबा जिला की चुराह विधानसभा के तीसा घाटी में पहुंचा, जंहा पर नारकोटिक्स प्रमुख ओपी शर्मा ने चुराह घाटी के समस्त अधिकारियों के समक्ष प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के विचारों को रखते हुए कहा कि प्रदेश को नशा मुक्त बनाना है, जिसके लिए हमे सबको मिलकर सार्थक प्रयास करने होंगे।

प्रदेश में अगर हम दो से तीन जिलों की बात करे तो इन जिलों के साथ चंबा जिला में भी सबसे ज्यादा नशे का कारोबार होता है। बताते चलें कि जिला के कुछ एक क्षेत्र जो कि चरस जैसे नशे को लेकर काफी बदनाम है, पर अभी इन क्षेत्राें में हफीम की खेती के साथ चिट्टे का कारोबार होने से सरकार की चिंताएं और भी बढ़ गई है। प्रदेश की जयराम सरकार इसको रोकने के लिए गंभीरता से कदम उठाने में जुट गई है। गत दिवस नारकोटिक्स प्रमुख ओपी शर्मा की अगवाई में एक दल शिमला से चंबा जिला की चुराह विधानसभा के तीसा घाटी में पहुंचा, जंहा पर घाटी के समस्त अधिकारियों के समक्ष प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के विचारों को रखा गया।

उन्होंने बताया कि प्रदेश मुख्यमंत्री अपने इस हिमाचल को नशा मुक्त करना चाहते हैं और ऐसी के मध्यनजर में जिला कुल्लू से होते हुए यहां पर पहुंचा हूं। उन्होंने बताया कि नशे से जागरूक करने हम लोगों ने लोगों के साथ-साथ यहां पर सभी अधिकारियों से बात कर एक जागरूकता शिवर का आयोजन किया गया था और इस विषय पर लाेगाें ने हमसे खुल कर बात की है और इसको समझा भी है।

नारकोटिक्स प्रमुख ओपी शर्मा ने अन्य जानकारी देते हुए बताया कि इस क्षेत्र में हमे दो अन्य चीजे देखने को मिली है, जिससे इस घाटी में लोगों द्वारा हफीम की खेती करने का मामला सामने देखने को मिला है, जिसको कि जिला पुलिस ने बड़ी ही मुस्तैदी के साथ पकड़ा है। वहीं, दूसरी तरफ चिट्टे की बढ़ती खपत को लेकर उन्होंने चिंत्ता जतलाते हुए कहा कि चिट्टा जैसी चीज अब यहां भी पहुंच गई है, जो कि गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि चिट्टा और हफीम यह दोनों वैसे तो एक-दूसरे के पूरक है।

इसलिए हमे इससे बचने के सभी प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि हम यंहा पर करीब सभी पंचायतो में जाकर इस विषय में बात करेंगे और उन से सारी इन्फॉर्मेशन हासिल करके आगे की करवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की सरकार इस मुद्दे को लेकर बेहद संवेदनशील है। उन्होंने यह भी कहा की हम सभी के लिए यह पांच वर्ष बेहद चिंताजनक है और इसके लिए हमें मिलकर ही काम करने होंगे।