निजी बसों की अड्डा फीस माफ करें सरकार

मनीष ठाकुर। कुल्लू

जिला कुल्लू में पहली जून से निजी बस सड़कों पर दौड़ना तो शुरू कर दिया है, लेकिन सवारियां न मिलने के चलते उनका धंधा चौपट होता जा रहा है। निजी बस संचालकों का मानना है कि अगर कुछ दिनों में सवारियां नहीं आई, तो उन्होंने दोबारा बसें खड़ी करनी पड़ सकती है। जिला कुल्लू के विभिन्न ग्रामीण रूटों पर निजी बस आपरेटरों ने 70 बस रूट शुरू किए थे, लेकिन करो ना की मार के चलते लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।

नतीजा यह हुआ कि बसें खाली ही सड़कों पर दौड़ रही है। इसके चलते अब निजी बस आपरेटरों को बसों के खर्चे निकालने भी मुश्किल हो गए हैं। इतना ही नहीं मनाली से भुंतर तक निजी बस ऑपरेटरों को अड्डा फीस के नाम पर भी 200 खर्च करने पड़ रहे हैं, जो कि उनके लिए काफी मुश्किल है। निजी बस आपरेटरों की मानें तो सरकार ने बसें चलाने के निर्देश जारी कर दिए, लेकिन उनके लिए कोई खास सहूलियत अभी तक नहीं मिल पाई है।

वह भी सरकार के आदेशों के चलते अपनी बसों को विभिन्न रूटों पर तो दौड़ा रहे हैं, लेकिन कई रूट तो ऐसे हैं जहां पर बस का तेल का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। निजी बस ऑपरेटर संघ के अध्यक्ष रजत जमवाल का कहना है कि निजी बस आपरेटरों की मांग के बारे में सरकार को भी अवगत करवाया गया था, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

वहीं, अगर निजी बस आपरेटरों को घाटा होता रहा, तो 2 दिनों के बाद वे एक बार फिर से अपनी बसों को खड़ा कर देंगे। गौर रहे कि पहली जून को जिला के विभिन्न रूटों पर निजी बसें रवाना हुई थी, लेकिन सवारियां न मिलने के चलते अब इनकी संख्या मात्र 20 ही रह गई है। ऐसे में अगर आगामी दिनों में भी बसों में सवारियां नहीं हुई, तो एक बार फिर से निजी बस ऑपरेटर अपने गाड़ियों को खड़ा कर देंगे।