सरकार को टीकाकरण के लिए देना होगा बड़ा बजट

उज्जवल हिमाचल डेस्क…

 

अर्थशास्त्रियों का कहना है कि ऐसी आर्थिक स्थिति पहले कभी नहीं रही है और इसे संभालने के लिए सरकार खर्च का विशेष प्रावधान कर सकती है केयर रेटिंग्स के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा कि सरकार को आम जनता के टीकाकरण पर खर्च के लिए बड़ा बजट देना होगा। इसके अलावा हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करने को लेकर खास फोकस रहेगा।

महामारी के चलते भारी नुकसान उठाने के बाद देश के आगामी बजट में स्वास्थ्य और इससे संबंधित बुनियादी ढांचे पर ज्यादा धन आवंटित होने की संभावना है। भारत में कोरोना वायरस का पहला केस 30 जनवरी, 2020 को केरल में सामने आया था। लेकिन इसका जिक्र न तो पिछले आर्थिक सर्वेक्षण (2019-20) में हुआ और न ही केंद्रीय बजट 2020 में।

उस समय इस बारे में ये अंदाजा नहीं था कि इस महामारी का प्रभाव इतना भयावह होगा। बीते साल कोरोना संकट ने वित्तीय और प्रशासनिक संसाधनों को भारी नुकसान पहुंचाया है। एक फरवरी को पेश होने जा रहे आगामी बजट 2021-22 का आकार तय करने में यह महामारी अहम भूमिका निभाएगी।

इस बजट में नौकरियों और अर्थव्यवस्था को बचाने और बजट घाटे के बढ़ते अंतर को कम करने की चुनौती है। साथ ही कोरोना टीकाकरण के मद्देनजर स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचा भी इस बजट में काफी अहम मुद्दा होगा. इन वजहों से बजट का आकार संभवतः मौजूदा 30 खरब रुपये को पार कर सकता है।

अर्थशास्त्रियों का कहना है कि ऐसी आर्थिक स्थिति पहले कभी नहीं रही है और इसे संभालने के लिए सरकार खर्च का विशेष प्रावधान कर सकती है। केयर रेटिंग्स के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा कि सरकार को आम जनता के टीकाकरण पर खर्च के लिए बड़ा बजट देना होगा। इसके अलावा हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करने को लेकर खास फोकस रहेगा। संसद की एक स्थायी समिति ने कहा है कि यह समय स्वास्थ्य, उसमें भी खासकर स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे पर ध्यान देने का है।