नगरोटा में बोले राज्यपाल- कांगड़ा के शहद की दुनिया भर में होगी अलग पहचान

उज्जवल हिमाचल। नगरोटा बगवां

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने सोमवार को नगरोटा बगवां स्थित चौधरी सरवन कुमार विश्वविद्यालय के मधुमखी अनुसंधान केंद्र का दौरा किया। यहां पहुंचने पर स्थानीय विधायक अरुण मेहरा, एसडीएम शशी पाल नेगी, कृषि विश्व विद्यालय के उपकुलपति डा. एचके चौहान, अनुसंधान निदेशक एसपी दीक्षित, केंद्र प्रभारी डा. सुरेंद्र शर्मा ने महामहिम का स्वागत किया।

उन्होंने वर्ष 1936 में स्थापित भारत के पहले मधुमक्खी अनुसंधान केंद्र के बारे में उत्सुकतापूर्वक सम्पूर्ण जानकारी हासिल की। उन्होंने केंद्र की गतिविधियों, अनुसंधान के साथ प्रशिक्षण और मौन पालन के रखरखाव प्रक्रिया को भी बारीकी से जाना।

पत्रकारों से रू-ब-रू होते उन्होंने इसे देश का हेरिटेज और महत्वपूर्ण केंद्र बताया तथा पूरे देश को मौनपालन तकनीक देने वाले केंद्र के माध्यम से पूरे हिमाचल और कांगड़ा को नई पहचान मिलेगी, ऐसी उन्होंने उम्मीद जताई। उन्होंने इस दिशा में किए जा रहे कृषि विश्व विद्यालय के प्रयासों को भी सराहा।