बनीखेतः सदर बाजार डलहौजी में स्थित गुरुद्वारा और मंदिर सांझी दीवार के कारण हिंदू सिख एकता का प्रतीक है, डलहौजी में जितने भी कार्यक्रम मंदिर या गुरुद्वारा में आते हैं। उसे हिंदू शेख मनाते हैं गुरुद्वारा और मंदिर की इमारतें 100 साल से भी पुरानी है, और यहां के कार्यक्रम और हमारे बुजुर्ग आज तक सभी कार्यक्रमों में एक दूसरे का हिस्सा बनकर शामिल होते रहे हैं।
आजकल गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव पर प्रभात फेरिया निकाली जा रही हैं। प्रभात फेरी में सिख समुदाय के लोग बहुत कम होते हैं, जबकि हिंदू भाई बड़ी ही श्रद्धा पूर्वक सारी संगत की सेवा अपने घरों में संगत को बुलाकर उनकी सेवा चाय का लंगर और प्रसाद द्वारा करते हैं। जो कि एक हिंदू सिख भाईचारे की एकता का प्रतीक है, जैसा कि आज की प्रभात फेरी की सेवा सत्य साईं सेवा समिति डलहौजी द्वारा लक्ष्मी नारायण मंदिर के हाल में की गई गुरुद्वारे के अध्यक्ष परमजीत सिंह ने कहा कि सुबह गुरुद्वारा सिंह सभा सदर बाजार डलहौजी से प्रभात फेरी आरंभ की जाती है।
गुरु की संगत द्वारा शब्द गायन करते हुए सुबह का माहौल भक्तिमय हो जाता है उन्होंने कहा कि सुबह सारी संगत के साथ प्रभु का नाम लेते हुए बड़ा ही सुकून मिलता है, इसलिए उन्होंने सभी गुरु नानक नाम लेवा संतो से विनती की है की सभी सुबह उठकर वाहेगुरु जी का नाम जपे और महाराज की खुशियां प्राप्त करें।