बड़ी लापरवाही : 15 कोरोना संक्रमितों को नेगेटिव बताकर भेज दिया घर, जांच के आदेश

एसके शर्मा। हमीरपुर

हमीरपुर जिला में कोरोना को लेकर सबसे बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिससे जिला में हडकंप मच गया है। जिला प्रशासन ने बुधवार को कोरोना संक्रमित 15 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव बताकर उन्हें घर भेज दिया। शिमला से कोविड-19 में बुधवार देर रात को हमीरपुर जिला के 15 लोगों के पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल गए।

प्रशासन ने देर रात ही पॉजिटिव आई लोगों के घर दस्तक दी व उन्हें घर से उठाकर केयर सेंटर में भेज दिया है। अब सभी कोरोना संक्रमितों को घर से कोविड-19 केयर सेंटर शिफ्ट किया गया है। एसडीएम भोरंज ने सभी पॉजिटिव लोगों को घर भेजने के आदेश जारी किए थे। जिला प्रशासन ने मामला ध्यान में आते ही जांच बिठा दी है। स्वास्थ्य विभाग ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी है।

बताते चलें कि 18 मई एक टे्रन मुंबई के ठाणा से आई थी। इस ट्रेन में आए हमीरपुर जिला के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को डूंगरी संस्थागत क्वारंटीन सेंटर में रखा गया था। 19 मई को उन सभी की सैंपलिंग की गई व उनमें से कुछ पॉजिटिव पाए गए थे। 23 मई को फिर सेंटर में रखे गए 43 लोगों की सैंपलिंग की गई थी व उसके वाद 26 मई को फिर से सैंपलिंग की गई व उसमें से सात लोग पॉजिटिव पाए गए थे व बाकी की रिपोर्ट नहीं आई थी।

प्रशासन ने मान लिया की बाकी बचे लोग नेगेटिव होगें, जिस कारण उन्हें वुधवार को दोपहरबाद घर भेज दिया गया, लेकिन देर शाम को आई रिपोर्ट में 15 लोग पॉजिटिव पाए गए। बिडंबना देखो कि जो लोग नेगेटिव देखकर घर भेजे गए थे, वह अपने घर सकून से सोए हुए थे व उन्हें प्रशासन ने 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन में रहेन को कहा गया था।

जैसे ही प्रशासन को इसकी भनक स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन का लगी तो उन्हें आधी रात को घर उठाकर केयर सेंटर ले जाया गया। प्रशासन की इस चूक से जिला में हडकंप मच गया है। केयर सेंटर से घर भेजे लोगों में बड़सर विस क्षेत्र के ज्यादा लोग शामिल हैं। उनमें से पांच लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। इस मामले में प्रशासनिक अफसरों समेत अस्पताल प्रशासन के भी कई अधिकारियों पर भी गााज गिर सकती है।

उधर, सीएमओ हमीरपुर डॉ. अर्चन सोनी ने कहा कि इस मामले की पड़ताल की जा रही है। इस सारे मामले की सरकार ने रिपोर्ट तलब की है। उधर, डीसी हमीरपुर ने बताया कि इस मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि संस्थागत क्वारंटीन सेंटर में रखे गए लोगों को 14 दिन पूरा होने के बाद घर भेजा गया था।