ड्रोन से हाईटेक होगा स्वास्थ्य विभाग, मेडिकल इमरजेंसी को मिलेगी संजीवनी

उमेश भारद्वाज। मंडी

अब प्रदेश के दुर्गम इलाकों से बीमार लोगों के सैंपल लेने और आपात स्थिति में दवाएं पहुंचाने का काम ड्रोन करेगा। रक्षा के क्षेत्र में ड्रोन की कामयाबी के अधिकतर उदाहरण देखने और सुनने के बाद स्वास्थ्य विभाग ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग दूरवर्ती और दुर्गम क्षेत्रों में मेडिकल सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए करने जा रहा है। ड्रोन के इस्तेमाल से स्वास्थ्य विभाग हाईटेक होने जा रहा है। कोरोना के इस मुश्किल दौर में पहाड़ी राज्य हिमाचल मेडिकल इमरजेंसी में ड्रोन के इस्तेमाल की संभावनाएं तलाश रहा है। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्चए इंडियन इंस्टीच्यूट आफ एपिडेमियोलाजी ने इसके लिए आईआईटी मद्रास से हाथ मिलाया है।

नेशनल हेल्थ मिशन के इस प्रोजेक्ट पर मंडी से शुरूआत हो रही है। आईसीएमआर, एनआईई व आईआईटी मद्रास के एक्सपर्टस जंजैहली और चौहार घाटी के बाद जोनल अस्पताल मंडी में भी ड्रोन की लैंडिंग कराने में सफल रहे हैं। सीएमओ डा. देवेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि ड्रोन का ट्रायल सफल रहा है। अब नेशनल हेल्थ मिशन के पास प्रोजेक्ट को फाइनल मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी डा. विशाल ठाकुर मंडी में ट्रायल प्रोजेक्ट के को-आर्डिनेटर बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि ड्रोन ट्रांसपोर्टेशन के माध्यम से दुर्गम क्षेत्रों से मरीजों के सैंपल आदि लाने में भी एक बड़ी सुविधा मिलेगी।