हिमाचलः 62 वर्षाे के बाद भी 350 भाखड़ा विस्थापितों का पुनर्वास नहीं हो पाया!

Himachal: 350 Bhakra displaced people could not be rehabilitated even after 62 years!
हिमाचलः 62 वर्षाे के बाद भी 350 भाखड़ा विस्थापितों का पुनर्वास नहीं हो पाया!

उज्जवल हिमाचल। बिलासपुर
देश को रोशनी देने के मकसद से बनाए गए भाखड़ा बांध निर्माण के बाद बिलासपुर शहर 09 अगस्त 1961 को जलमग्न हुआ था जिसमें केवल एक शहर ही नहीं, एक पूरी समृद्ध गौरवमयी संस्कृति ही जलमग्न हो गई थी। कहलूर रियासत के राजाओं के महलों के साथ-साथ शिखर शैली के 99 ऐतिहासिक मंदिरों ने भी इस दौरान जल समाधि ली थी।

वहीं लोगों के घरबार, स्कूल, कॉलेज, दर्जनों बाग बगीचे सब कुछ सतलुज नदी के बदलते स्वरूप गोविंदसागर झील में डूबता चला गया और अपनी यादें छोड़ता चला गया था। सन 1963 में भाखड़ा बांध निर्माण के बाद अस्तित्व में आई इस गोविंदसागर झील में बिलासपुर शहर के साथ 256 गांव पानी में समा गए थे, जिसमें 40 हजार हैक्टेयर जमीन जल में समा गई थी और करीब 11 हजार की आबादी को विस्थापन का दंश झेलना पड़ा था।

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वहीं हालात इस कदर है कि 62 वर्षाे के बाद भी प्रदेश की विभिन्न सरकारों से आज तक लगभग 350 भाखड़ा विस्थापितों का पुनर्वास तक नहीं हो पाया है। विस्थापन के बदले में लोगों को नए बिलासपुर शहर में बसाया गया जहां विस्थापित परिवारों को छोटे-छोटे प्लॉट आवंटित किए गए। वहीं भाखड़ा विस्थापित परिवारों के सदस्यों ने केंद्र व प्रदेश सरकार से विस्थापित परिवारों को सही तरीके बसाने की अपील करते हुए कुछ नए सेक्टरों का निर्माण करने व विशेष पैकेज दिए जाने की मांग की है।

संवाददाताः सुरेन्द्र जम्वाल

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