हिमाचलः 12 वर्षीय बच्चे द्वारा खुद रची गई अपहरण की फिल्मी कहानी

हिमाचलः 12 वर्षीय बच्चे द्वारा खुद रची गई अपहरण की फिल्मी कहानी

उज्जवल हिमाचल। बिलासपुर
किसी ने सच ही कहा है कि आजकल के बच्चे आज के समय से दो कदम आगे हैं। आपको बता दें कि आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक 12 वर्षीय बच्चे द्वारा अपने छोटे दिमाग से रची गई फिल्मी कहानी ने पुलिस की पूरा दिन रेल बनाकर रख दी। जी हां, बीते दिनों स्वारघाट के चंगर क्षेत्र में लोगों के बीच चर्चा का विषय बने बच्चा चोरी के प्रयास मामले का बिलासपुर की कोट कहलूर पुलिस ने महज 2 घंटे में पटाक्षेप कर दिया है।

बता दें कि ग्राम पंचायत कौड़ावाली के गांव जज्जर निवासी व्यक्ति ने कोट पुलिस को बताया था कि उसका आठवीं कक्षा में पढ़ने वाला 12 वर्षीय बेटा अपने घर से कुछ दूरी पर स्थित दोस्त के घर पैदल जा रहा था। इतने में पीछे से एक बाइक आई। बच्चे के बताए अनुसार इन्होंने बच्चे के करीब आने पर उसे कुछ सूंघा दिया, जिससे बच्चा कुछ देर के लिए बेहोश हो गया। एनएच पर पहुंचते ही जैसे ही वाहनों का काफिला बढ़ा और जाम लगने पर जैसे ही बाइक थोड़ी देर के लिए रुकी वैसे ही बच्चे ने छलांग लगाकर खुद को बचा लिया।

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पुलिस को ऐसा हुआ शक
बच्चे द्वारा बताई जा रही कहानी शुरू से ही पुलिस के गले से नीचे नहीं उतर रही थी तो मामले की गंभीरता से भी पुलिस पर दबाव बना हुआ था। पुलिस की मानें तो बच्चे के अनुसार किडनैपर सीसीटीवी कैमरों वाले स्थान पर उसे चाकू दिखाकर बाइक से उतारकर पैदल जाने को कहते थे ताकि वह लोग कैमरों में आने से बच सकें। अब जिस सड़क से बच्चा गुजरा था उस रास्ते से भी दो सीसीटीवी कैमरों की नजरों से गुजरकर जाना पड़ता है।

कोट पुलिस एसएचओ बलवीर सिंह के नेतृत्व में शिकायत के बाद से ही लगातार किडनैपिंग की घटना पर काम कर रही थी। पुलिस ने जब उन दोनों कैमरों की फुटेज को खंगाला तो उसमें ये बच्चा सामान्य रूप से पैदल गुजरता दिख रहा था तथा उसके चेहरे पर शिकन इत्यादि के कोई हाव-भाव नजर नहीं आ रहे थे। बच्चे द्वारा बताई जा रही कहानी में इस थ्योरी पर पुलिस को कुछ शक हुआ व पुलिस ने मीठी-मीठी बातों ही बातों में बच्चे से सारा राज उगलवा लिया।

फिर खोला बच्चे ने राज
बच्चे ने बताया कि बरसात की छुट्टियों का वक्त उसने ननिहाल में मौज-मस्ती कर गुजारा था जिस चक्कर में वह स्कूल का होमवर्क नहीं कर पाया और इसलिए उसने अब स्कूल खुलने पर घरवालों की डांट से बचने के लिए इस सारी झूठी कहानी का सहारा लिया।

बच्चे ने बताया कि घर में वह पड़ोसी सहपाठी से कॉपी लेने की बात कहकर आया था और रिश्तेदारी में जाने की सोचकर पैदल मस्सेवाल की ओर जा रहा था। अंधेरा होने पर मस्सेवाल में अकेला घूमते देख पड़ोसी ने उसके पिता को फोन पर इसकी सूचना दी थी। पिता ने मस्सेवाल में आकर जब बच्चे से यहां आने की वजह पूछी तो उसने अपना अपहरण करने का यह झूठा नाटक रच दिया।

क्या बोले डीएसपी
डीएसपी नयनादेवी विक्रांत बोंसरा ने बताया कि बैहल क्षेत्र से बच्चा अपहरण मामले की सच्चाई सामने आ गई है। स्कूली होमवर्क न करने पर बच्चे द्वारा किडनैपिंग की यह कहानी बनाई गई थी, जिसको जांच उपरांत पुलिस ने बेपर्दा कर दिया है।

ब्यूरो रिपोर्ट बिलासपुर

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