हिमाचलः ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निर्मित अमृत सरोवर किसानों के लिए वरदान

Himachal: Amrit Sarovar built by Rural Development Department is a boon for farmers
हिमाचलः ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निर्मित अमृत सरोवर किसानों के लिए वरदान

उज्जवल हिमाचल। भाम्बला
जल संकट से निपटने के लिए जल संरक्षण को बढ़ावा देने तथा प्राकृतिक जल स्रोतों का सौन्दर्य करण करने हेतु बनी योजना अमृत सरोवर से बर्षा जल को संग्रहित कर हर एक बूँद को सहेज कर पानी का भू जल स्तर बढ़ाना,लोगों को इसके पानी से सिंचाई,पशुओं व अन्य ज़रूरत पूरी करना है।

विकास खंड गोपालपुर में गत बर्ष 2022-23 में 6 अमृत सरोवरों का निर्माण मनरेगा के तहत करवाया गया तथा अन्य छः निर्माणाधीन हैं जिससे बरसात का पानी इन अमृत सरोवरों में इकट्ठा हुआ और जमीन को मिली सिंचाई की सुविधा ।केन्द्र व राज्य सरकार के प्रयासों से कम होते भू जल स्तर को बनाए रखने और लुप्त होते प्राकृतिक जल स्रोतों को रीचार्ज करने में अमृत सरोवर कारगार साबित हो रहे हैं।

गोपालपुर विकास खंड की ग्राम पंचायत फतेहपुर के गांव तालाब में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निर्मित अमृत सरोवर किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। इस अमृत सरोवर के निर्माण से जहाँ किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हुई है, वहीं यह सरोवर लुप्त हो रहे प्राकृतिक जल स्रोतों को रीचार्ज करने में भी सहायक सिद्ध हुआ है ।

इस सरोवर की लंबाई 57 मीटर और चौड़ाई 33 मीटर गहरा 3 मीटर है। सरोवर को मनरेगा से स्वीकत तीन लाख रूपये तथा 15वें वित आयोग की 1.46 लाख रूपये की धनराशि से बनाया गया है। इसका निर्माण अमृत सरोवर अभियान के अन्तर्गत किया गया है ।इससे लगभग 150 बीघा जमीन को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हुई है।

अत्यधिक गर्मी अथवा सूखे की स्थिति किसान इस सरोवर में एकत्रित पानी का प्रयोग खेतो में सिंचित करने के लिए कर सकेंगे ।इस सरोवर से बहाव के आधार पर खेतों को सिंचित करने वाली सिंचाई कूहल से जोड़ा गया है। कूहल के माध्यम से किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए के लिए निरंतर पानी उपलब्ध होगा।किसान इस सरोवर के पानी का उपयोग कर अपने खेतों में नकदी फसलें उगाकर अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ कर सकते हैं ।

इस अमृत सरोवर का बनाने का मूल उद्देश्य जल से कृषि को बल योजना के अंतर्गत किसानों की सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाकर अनाज के उत्पादन को बढाना,जमीन के अंदर कम होते भू जल स्तर को बनाए रखना और सूखते प्राकृतिक जल स्रोतों को रीचार्ज कर उन्हें मूल स्वरूप में बापिस आदि लाना शामिल है। जिसके अन्तर्गत ही प्रदेश भर में इस तरह के अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा रहा है।

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गौरतलब है कि बर्षा जल का बहाव अत्याधिक होने से अधिकांश जल बहकर नदी नालों में चला जाता है।पानी के साथ साथ मृदा कटाव भी होता है जिससे उपजाऊ भूमि की उर्वरता कम होती है लेकिन इस तरह के अमृत सरोवरों का निर्माण किए जाने से बर्षा जल को अधिक से अधिक मात्रा में संग्रहित किया जा सकता है जिससे अधिकाधिक क्षेत्र की सिंचाई करते किसानों बागबानों द्वारा अधिक उत्पादन भी प्राप्त किया जा सकता है।

अमृत सरोवर का निर्माण कृषि विकास संघ के सहयोग से किया गया है ।इस सरोवर के बनने से जहां किसानों और बागबानों की सुचारु सुविधा उपलब्ध हुई है,वहीं यह अमृत सरोवर भू-जल स्तर को बढ़ाने में भी सहायक सिद्ध होगा।सरोवर से फतेहपुर, हरिबहना,पौंटा, गोपालपुर ,अपपर बरोट आदि पंचायतों के लोग लाभान्वित हुए हैं ।

फतेहपुर पंचायत के प्रधान नरेन्द्र कुमार गौतम ने बताया कि सरोवर निर्माण से बेरोजगार युवाओं का मछली उत्पादन तथा नगदी फसलों के उत्पादन में आकर्षक भविष्य है ।कहाकि भविष्य में इस स्थल को और अधिक आकर्षक रमणीय पर्यटक स्थल के रूप में भी विकसित किया जाएगा ।

उप प्रधान सुनील गौतम का कहना है कि यहां तलाब प्राचीन समय से है और उसी नाम से यह गांव भी जाना जाता है । पंचायत प्रतिनिधियों व बार्ड मैबर दिलीप व स्थानीय लोगों तथा पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से तथा मुख्यतः केन्द्र सरकार व हिमाचल सरकार के दिए धन व मार्गदर्शन से इस जलाशय का पुनर्निर्माण अमृत सरोवर के रूप में संभव हुआ ।गांव के लोगों के सहयोग से सरोवर के एक छोर पर शिव मंदिर का भी निर्माण किया गया है।

पंचायत सचिव फतेहपुर पवन कुमार ने बताया कि इस अमृत सरोवर के निर्माण कार्य दो हैडों से मिली धनराशि से हुआ है। बताया कि लोग दूर- दूर से इस रमणीक स्थल को देखने आना शुरू हो गए हैं ।

खंड विकास अधिकारी गोपालपुर अशमिता ठाकुर ने बताया कि विकास खंड गोपालपुर में 12 अमृत सरोवरों का निर्माण कार्य शुरू किया गया था जिनमें से फतेहपुर पंचायत के गांव तलाब में बनाए गए अमृत सरोवर कार्य पूरा हो गया है। इस योजना के मापदंडों के अनुसार इसका मुख्य उद्देश्य सिंचाई के लिए इसे इस्तेमाल करना है।

रोजगारपरक दृष्टिकोण से फिश फार्मिंग या ग्रीन हाऊस में भी सिंचाई यहाँ के पानी से की जा सकती है वहीं प्रदेश एवं भारत सरकार का मुख्य उद्देश्य भूमिगत जल स्तर बढ़ाना भी है।

संवाददाताः नरेश कुमार

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