शीतकालीन सत्र में स्वर्ण आयोग का मास्टर स्ट्रोक खेल गए सीएम जयराम

उज्जवल हिमाचल। धर्मशाला

विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर स्वर्ण आयोग की मांग कर रहे प्रदेश के हजारों लोगों को सामान्य आयोग घोषित कर मुख्यमंत्री ने एक बड़े वर्ग साध लिया है। हालांकि इससे पहले स्वर्ण समाज के आंदोलकारी लोगों के गुस्से व व्यवहार के चलते पुलिस प्रशासन को बड़ा नुकसान भी झेलना पड़ा। लेकिन सीएम इसमें भी माइलेज ले गए। इतना ही नहीं ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग कर रहे प्रदेश के हजारों न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारियों के हाथों में कमेटी गठित करने की अधिसूचना थमा कर कर्मचारियों के गुस्से को शांत कर अपने साथ खड़ा करने का दूसरा बड़ा दांव खेला है।

भले ही विधानसभा के बाहर इस वार सबसे अधिक विरोध प्रदर्शन हुए हों, लेकिन ऐसे माहौल को अपने पक्ष में करके मुख्यमंत्री ने नया सियासी संदेश दिया है। ऐसे में चुनावी वर्ष से पहले सरकार की इस तैयारी के कई मायने निकाले जा रहे हैं। जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री काउंसिल की बैठक को भी मैनेज कर जिस तरह सदन में वापिसी की उससे विपक्ष के हाथों से मुद्दा छीन लिया।

सीएम ने विपक्ष के सवाल और तेवरों के हमलावर होकर जिस तरह पलटवार किए उसके चलते विपक्ष को न तो पहले की तरह बाकआउट करने के अधिक अवसर मिल पाया और न ही किसी बड़े मुद्दे पर विपक्ष सरकार को घेर पायी। मुख्यमंत्री की हाजरजबाबी तथा तथ्यों पर पकड़ ने भी उनके कार्य को बल दिया है।

मंडी में प्रदेश का दूसरा विश्वविद्यालय बनाने का मार्ग प्रस्सत करवाकर मंडी व आसपास के जिलों के लिए बड़ा काम किया है। जिसे आने वाले दिनों में भाजपा भुनाने वाली है। इसके अलावा आवादी देह के मामले में उलझे प्रदेश के हजारों परिवारों को राहत देने का बड़ा काम किया गया है। जिससे प्रभावितों एवं भूमि संबंधि मामलों में वर्षों से उलझे लोगों को भी सरकार ने साधने का प्रयास किया है।

तकनीकी विश्वविद्यालय अधिनियम में कुलपति न होने पर भी वैकल्पिक व्यवस्था करने का संसोधन करके बड़ा निर्णय किया है। सरकार ने प्रदेश भर के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में वीएमओ के खाली पदों को भरने के लिए जल्द ही डीपीसी कर वीएमओ के पदों को भरने का ऐलान किया है। जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र में भी आने वाले दिनों में बड़े सुधार संभव हो पाएंगे।