हिमाचलः नशे के समूल नाश के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यकः मुख्यमंत्री

‘नशीले पदार्थों के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस’ पर समारोह आयोजित

उज्जवल हिमाचल। शिमला

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां ‘नशीले पदार्थों के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के विरूद्ध अंतरराष्ट्रीय दिवस’ पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नशीले पदार्थों के दुरुपयोग से उत्पन्न वैश्विक चुनौती तथा सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र पर इसके गंभीर परिणामों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बड़ी संख्या में युवा नशीले पदार्थों की लत का शिकार हो रहे हैं, जिससे युवाओं के शारीरिक स्वास्थ्य और बौद्धिक क्षमताओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

उन्होंने नशे की बुराई पर शिकंजा कसने के लिए समाज में इसके विरूद्ध संवेदनशीलता, सतर्कता और जागरूकता बढ़ाने पर बल दिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने नशीले पदार्थों की गर्त में फंसे लोगों के प्रभावी उपचार और पुनर्वास के लिए एक सुदृढ़ बुनियादी ढांचा बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के समीप नशीले पदार्थों की बिक्री निषेध है। अवैध रूप से युवाओं को नशीले पदार्थ उपलब्ध करवाने के मामलों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।

उन्होंने कहा कि पिछले छह महीनों में केवल शिमला जिला में ही 400 मामले दर्ज किए गए और 300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। प्रदेश सरकार ने पुलिस विभाग के साथ नशीले पदार्थों के विरूद्ध लड़ाई के लिए एक कार्य योजना तैयार की है। नशीले पदार्थों के तस्करों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए नारकोटिक्स अधिनियम में संशोधन की मांग करते हुए प्रदेश विधानसभा सेएक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। इसके अलावा, सरकार राज्य में दो नशा मुक्ति सह-पुनर्वास केंद्र स्थापित करने की योजना बना रही है। इनमें से एक केंद्र के निर्माण के लिए शिमला के निकट 50 बीघा भूमि चिन्हित की गई है।

सरकार द्वारा दोनों केंद्रों की स्थापना के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने नशे के विरूद्ध लड़ाई में जन सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि लोग नशीले पदार्थों के तस्करों के बारे में पुलिस को जानकारी प्रदान करें, ताकि उन्हें समय पर पकड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि समाज से नशे को उखाड़ फैंकने के लिए स्वयंसेवी संगठन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति अभियान में समाज के सभी वर्गों को सम्मिलत करने के लिए निकट भविष्य में ग्राम सभाएं आयोजित की जाएंगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य में नशे के विरूद्ध लड़ाई में सराहनीय कार्य के लिए विभिन्न संस्थानों और विभागों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में जिला कांगड़ा, मंडी और ऊना के उपायुक्तों को उनके संबंधित जिलों में उत्कृष्ट प्रयासों के लिए पुरस्कृत किया गया। इसी तरह राज्य कर एवं आबकारी विभाग के आयुक्त, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज निदेशक, महिला एवं बाल विकास निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं और उच्च शिक्षा निदेशक को भी नशे के विरूद्ध छेड़े गए अभियान में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए।

गैर सरकारी संगठनों में गुंजन संस्था धर्मशाला, मानव कल्याण समिति चौपाल और जिला रेडक्रॉस सोसाइटी कुल्लू को नशा मुक्ति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शिमला में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों सहित जिला, ब्लॉक और पंचायत स्तर से वर्चुअल माध्यम से जुड़े लोगों को नशीले पदार्थों की रोकथाम की शपथ दिलाई। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने नशे की बुराईयों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि नशे की लत के गंभीर शारीरिक और मानसिक परिणाम होते हैं, जिसका असर पूरे परिवार पर पड़ता है। उन्होंने नशीले पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने के लिए माता-पिता और बच्चों के बीच संवाद के महत्त्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि समाज से नशे की बुराई को मिटाने के लिए सभी वर्गों की सहभागिता महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा नशीले पदार्थों की रोकथाम के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के लिए नियमित रूप से कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते हैं।

सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, एम. सुधा देवी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और 19 जून से 25 जून, 2023 तक नशीले पदार्थों के विरूद्ध जागरूकता पर कार्यान्वित किए गए अभियान की विस्तृत जानकारी प्रदान की। अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक मामले और विशेष रूप से सक्षम विभाग के निदेशक प्रदीप ठाकुर ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विधायक हरीश जनारथा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

ब्यूरो रिपोर्ट शिमला

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